इस बार बैंस बंधुओं का आम आदमी पार्टी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। उनकी कोशिश है कि भाजपा के साथ गठबंधन किया जाए। यदि भाजपा के साथ उनका गठबंधन होता है तो इसका असर कई अन्य सीटों पर भी नजर आएगा।
चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) से पहले एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। पंजाब की राजनीति के जेम्स बॉन्ड के नाम से जाने जाने वाले बैंस बंधु क्या इस बार भाजपा से गठबंधन करेंगे? खबर मिल रही है कि लोक इंसाफ पार्टी चला रहे बैंस बंधु इस बार भाजपा के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने भाजपा (BJP) के नेताओं से बातचीत भी की। बैंस बंधु तीन सीटों लुधियाना साउथ आत्मनगर और हल्का गिल की मांग कर रहे हैं।
2017 से AAP के साथ बैंस बंधु
बलविंदर सिंह बैंस और सिमरजीत सिंह बैंस 2012 के विधानसभा चुनाव में लुधियाना दक्षिण और आत्मनगर निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत गए। 2016 में उन्होंने लोक इंसाफ पार्टी (Lok Insaaf Party) का गठन किया और 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन किया। पिछले विधानसभा में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों भाइयों ने लुधियाना दक्षिण और आत्मनगर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुनाव जीता।
अब AAP से मोहभंग
अब इस चुनाव में बैंस बंधुओं का आम आदमी पार्टी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। उनकी कोशिश है कि भाजपा के साथ गठबंधन किया जाए। अगर भाजपा के साथ उनका गठबंधन होता है तो इसका असर कई अन्य सीटों पर भी नजर आएगा। वहीं चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को इससे तगड़ा झटका चलेगा।
बीजेपी को मिलेगा नया साथी
भाजपा को भी पंजाब में इस बार ऐसे साथियों की जरूरत है जो पार्टी की मदद कर सकें। क्योंकि यह पहला मौका है जब भाजपा अकाली दल के बिना विधानसभा चुनाव में उतर रही है। बता दें कि तीन कृषि कानूनों के बाद पंजाब में भाजपा का विरोध है। भाजपा की कोशिश है कि इस विरोध को कम किया जाए । इसका एक तरीका यह भी है कि पंजाब की दूसरी सियासी पार्टियों के साथ गठबंधन कर उन्हें अपने पक्ष में किया जाए । ताकि उनके समर्थक भाजपा का भी समर्थन करें।
बीजेपी को होगा फायदा
इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेश एंड पब्लिक रिलेशन के डायरेक्टर डॉ. हरपाल सिंह संधू का मानना है कि बैंस बंधु लुधियाना में तो अपनी जबरदस्त पकड़ रखते हैं। अकाली सरकार के वक्त दोनों भाईयों ने सरकार को माइनिंग और नशे के मुद्दे पर जबरदस्त तरीके से घेरा था। आम आदमी पार्टी भी पंजाब में नशा और अवैध माइनिंग के खिलाफ बोलती रही है। इसलिए बैंस बंधुओं ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन कर लिया था। लेकिन बाद में दोनों क संबंधों में खटास आ गई। इस बार उननी कोशिश भाजपा के साथ जाने की है। यह भाजपा के लिए भी अच्छा होगा कि उन्हें एक ऐसा साथी मिल रहा है जो पंजाब की राजनीति में खासा मुखर माना जाता रहा है।
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