8 मार्च तक जेल भेजे गए बिक्रम मजीठिया, सुबह मोहाली कोर्ट में किया था सरेंडर, जानिए अब आगे क्या होगा

मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट से 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत मिली थी। बुधवार को उनके सरेंडर करने की चर्चा थी लेकिन वकीलों से बातचीत के बाद वह आज सरेंडर करने आए हैं। बुधवार को SIT पूरे दिन इंतजार करती रही लेकिन मजीठिया सरेंडर करने नहीं आए।

Asianet News Hindi | Published : Feb 24, 2022 7:00 AM IST / Updated: Feb 24 2022, 02:54 PM IST

मोहाली (पंजाब). ड्रग्स केस में फंसे शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया  8 मार्च तक जेल भेज दिया गया है। उन्होंने सुबह ही मोहाली कोर्ट में सत्र न्यायाधीश एसके सिंगला की अदालत में सरेंडर किया था। बताया जा रहा है कि थोड़ी देर में उनकी जमानत याचिका पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आगे सुनवाई होगी। वहीं पंजाब सरकार के वकील उनकी कस्टडी मांग रहे हैं ताकि पूछताछ कर ड्रग नेक्सेस के बारे में पता कर सकें।  उन्हें 23 फरवरी तक सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दी थी। दरअसल मजीठिया अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। इस सीट पर उनके प्रतिद्वंद्वी पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू हैं।

 

बुधवार को सरेंडर करने नहीं पहुंचे
बिक्रम सिंह मजीठिया को सुप्रीम कोर्ट से 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत मिली थी। जिसके बाद चर्चा थी कि वे बुधवार को ही सरेंडर कर देंगे। लेकिन वकीलों से बातचीत करने के बाद वह आज कोर्ट पहुंचे। बुधवार को SIT पूरे दिन उनका इंतजार करती रही थी। बता दें कि मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद उन्होंने मोहाली कोर्ट में अग्रिम जमानत लगाई थी, जो खारिज हो गई थी। इसके बाद वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट चले गए। वहां कुछ दिन की अंतरिम राहत के बाद उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दे दी थी।

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क्या है मजीठिया पर आरोप

मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर को मोहाली की क्राइम ब्रांच में इंटरनेशनल ड्रग तस्करों के साथ साठगांठ के आरोप में केस दर्ज है। अकाली दल का कहना है कि पंजाब सरकार ने राजनीतिक बदले के कारण यह कार्रवाई की है। मामला दर्ज होने के बाद वह अंडरग्राउंड हो गए थे। SIT ने 12 जनवरी को ड्रग्स केस में उनसे दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। एसआइटी मजीठिया के खिलाफ मादक पदार्थ निषेध संबंधित NDPS कानून के तहत दर्ज मामले में छानबीन कर रही है। पूछताछ के बाद मजीठिया ने पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया। 

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