बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) ने हर किसी को झकझोर दिया है। पूरा देश इन वीर जवानों की याद में उन्हें आखिरी सलाम करते हुए आंसू बहा रहा है। भयानक हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई।
तारनतरन (पंजाब). तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) ने हर किसी को झकझोर दिया है। पूरा देश इन वीर जवानों की याद में उन्हें आखिरी सलाम करते हुए आंसू बहा रहा है। हर कोई यही बात कर रहा है कि कैसे इस भयानक हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई। भारत मां के इन वीर जंबाजों में पंजाब के तरनतारन के सूबेदार गुरसेवक भी शामिल हैं। जिनके गांव में मातम पसरा हुआ है, माता-पिता और पत्नी बिलख रहे हैं। आइए जानते हैं इस शूरवीर के बारे में...
बच्चे-बूढ़े और युवाओं से लेकर हर कोई बहा रहा आंसू
इंडियन आर्मी में सूबेदार गुरसेवक सिंह नायक के पद पर तैनात थे। सेना की 9 पैरा स्पेशल फोर्स यूनिट में तैनात रहते हुए उन्हें CDS बिपिन रावत की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 30 साल के जवान गरसेवक तरनतारन के सीमावर्ती गांव दोदे सोढियां के रहने वाले थे। वह अपने गांव में युवाओं के आर्दश थे, लेकिन अब बच्चे-बूढ़े और युवाओं से लेकर हर कोई उनकी याद में आंसू बहा रहा है।
बुजुर्ग पिता और पत्नी को नहीं दी थी शहीद होने की खबर
बता दें कि बुधवार शाम को यूनिट ने भाई गुरबख्श सिंह व जसविंदर सिंह को फोन करके उनके शहीद होने की जानकारी दी थी। लेकिन भाइयों ने गुरसेवक के शहीद होने की खबर रात को पत्नी जसप्रीत कौर और बुजुर्ग पिता काबल सिंह को शहादत की जानकारी नहीं दी थी। बस इतना ही नहीं बताया कि वह ठीक हैं और इलाज चल रहा है। लेकिन सुबह जैसे ही पत्नी को सच्चाई पता चली तो घर से मातम की चीखें सुनाई देने लगीं। पिता सुनते ही सुध-बुध खो बैठे..पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। गुरसेवक की दो बहने हैं और 5 भाई हैं। पूरा परिवार खेती पर ही निर्भर है। घर में वह एकमात्र नौकरी करने वाले थे
रोजाना ड्यूटी के बाद बेटियों से करते थे बातें
नायक गुरसेवक सिंह पिछले महीने नवंबर ही में अपने गांव छुट्टी पर गए हुए थे। वह अपनी बेटियों से बेहद प्यार करते थे। उनके 2 बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी सिमरन 9 साल और छोटी बेटी गुरलीन 7 साल की है। उनका बेटा फतेह सिंह सिर्फ 3 साल का है। उनके भाई ने बताया कि गुरसेवक ड्यूटी पर कितना ही क्यों थक ना जाए, लेकिन रात को अपनी बेटियों से बात जुरूर करते थे। लेकिन अब वही बच्चे पापा-पापा कहते हुए बिलख रहे हैं। 14 नवंबर को ही जवान ने छुट्टी काटकर ड्यूटी ज्वॉइन की थी। जाने से पहले वह परिवार के साथ बाबा बुड्ढा साहिब भी गया और परिवार के लिए आशीर्वाद लिया।
बचपने से ही देखा आर्मी में जाने का सपना
बता दें कि गुरसेवक ने बचपन से ही इंडियन आर्मी में जाने का सपना देखा था। सरकारी स्कूल खालड़ा से 12वीं तक की पढ़ाई की और स्कूलिंग के बाद ही सेना में शामिल हो गए। हालांकि अब वह अपनी नौकरी के साथ हायर क्लास की पढ़ाई कर रहे थे। बताया जाता है कि डिग्री पूरी होने के साथ उन्हें प्रमोशन भी मिलने वाला था। लेकिन उससे पहल ही वह देश को अलविदा कह गए।