कोरोना का अनोखा मामला: डॉक्टरों के लिए पहेली बना 11 साल के बच्चे का यह केस, कई विशेषज्ञ कर रहे स्टडी

राजस्थान में यह ऐसा पहला केस है जब यह बच्चा पिछले 38 दिन से अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद नेगेटिव नहीं हो पा रहा है। जबकि राज्य में कोई भी कोरोना पॉजिटिव बच्चा ऐसा नहीं है जो 18 दिन से ज्यादा हॉस्पिटल में एडमिट रहा हो। 5 विभागों की टीम ने सैंपलों की जांच महाराष्ट्र में कराने का निर्णय लिया है।

Asianet News Hindi | Published : May 24, 2020 6:51 AM IST / Updated: May 24 2020, 12:48 PM IST

भरतपुर (राजस्थान). कोरोना के कहर से कोई नहीं बच पा रहा है। कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनके बारे में जानकर डॉक्टरों तक हैरानी हो रही है।ऐसा ही एक अलग तरह का केस राजस्थान में आया है। जहां एक बच्चा ना तो बीमार है और ना ही उसमें कोरोना के लक्षण, लेकिन जब उसकी जांच की गई तो वह पॉजिटिव पाया गया।

10 बार से रिपोर्ट आ रही कोरोना पॉजिटिव 
दरअसल, हैरान कर देने यह मामला भरतपुर जिले के बयाना के कसाईपाड़ा का है। जहां का एक 11 वर्षीय बालक जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती है। उसको ना तो बुखार है, ना उसमें खांसी-जुकाम या अन्य बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद भी 10 बार से उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ रही है। 

Latest Videos

राजस्थान का ऐसा यह पहला केस
डॉक्टरों के मुताबिक, राजस्थान में यह ऐसा पहला केस है जब यह बच्चा पिछले 38 दिन से अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद नेगेटिव नहीं हो पा रहा है। जबकि राज्य में कोई भी कोरोना पॉजिटिव बच्चा ऐसा नहीं है जो 18 दिन से ज्यादा हॉस्पिटल में एडमिट रहा हो।

5 विभागों के विशेषज्ञ कर रहे मामले की जांच
कई डॉक्टर इस केस की स्टडी में जुट गए हैं। उनका कहना है कि आखिर बच्चे में कौन तरह का वायरस है जो इसे निगेटिव नहीं होने दे रहा है। बता दें कि जयपुर में 5 विभागों के विशेषज्ञों ने बालक में अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए मल-मूत्र, ब्लड के अलावा नाक और गले से थ्रोट के सैंपल लिए हैं। जिनकी रिपोर्ट भी सोमवार तक आएगी।

(यह तस्वीर भरतपुर शहर की है, जहां डॉक्टर घर-घर जाकर थर्मल स्क्रीनिंग कर रहे हैं।)

बच्चे का सैंपल जांच के लिए जाएगा महाराष्ट्र 
स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को 5 विभागों की टीम ने सैंपलों की जांच जयपुर एवं महाराष्ट्र में कराने का निर्णय लिया  है। मामले की जानकारी देते हुए मेडिसन विभागाध्यक्ष प्रो. मुकेश गुप्ता ने बताया कि जयपुर में बाल रोग, मेडिसिन, एंडोक्राइनोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी और चेस्ट सहित कुल 5 विभागों के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने इस केस की समरी तैयार कर चर्चा की है। इसके अलावा पूना की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से भी बात करके पता लगाया जाएगा कि इस बालक में आखिर ऐसा कौन सी प्रकृति का वायरस है जो उसे नेगेटिव नहीं होने दे रहा है।

कहता मेरे पापा पास हैं तो मुझे कुछ नहीं होगा
यह बच्चा पिछले एक महीने से ज्यादा वक्स से जयपुर के एसएमएस अस्पताल जयपुर में भर्ती है। लेकिन , उसको देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वह कोरोना पॉजिटिव है। वह मस्ती में ही रहता है, हमेशा मुस्कुराता है और कहता है कि मेरे साथ में पापा हैं तो मुझको कुछ नहीं होगा। उसको जब कभी बुरा लगता है तो वह पिता के मोबाइल पर गेम खेलकर टाइम पास कर लेता है। जब डॉक्टर आते हैं तो पूछता है, अंकल में कब घर जाऊंगा, सारे बच्चे घर जा चुके हैं। तो ऐसे में डॉक्टरों के पास कोई जवाब नही होता है।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

'जनता देगी जवाब, ये कहेंगे EVM है खराब' नायब सैनी ने किया बड़ा दावा । Haryana Election
इन 8 जगहों पर अगर किया शर्म तो बर्बाद हो जाएगा जीवन!
तिरुपति मंदिर प्रसादम में कीड़े? घी पर घमासान के बाद अब क्या है नया बवाल । Tirupati Anna Prasadam
Yati Narsingha Nand Saraswati के बयान पर फूटा Asaduddin Owaisi का गुस्सा, Yogi-BJP को भी सुनाया
10 साल की बच्ची का किडनैप के बाद रेप-मर्डर, फिर दहल उठा ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल