राजस्थान में कल आखातीज पर हजारों विवाह होंगे। लेकिन कुछ शादिया ऐसे भी होंगी जहां खेलने-कूदने की उम्र में बच्चों का बाल विवाह कर दिया जाएगा।
भरतपुर (राजस्थान). खेलने की उम्र में बच्चे विवाह के बंधन में बंधे जा रहे हैं। अशिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते प्रदेश के लोग अपने मासूम बच्चों को बाल विवाह की दलदल में धकेल रहे हैं। प्रदेश में हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में बाल विवाह होते हैं और उनमें भी सर्वाधिक आखातीज पर होते हैं। बाल विवाह की कुरीति में प्रदेश का भीलवाड़ा जिला ' अव्वल ' है। तो वहीं जैसलमेर जिला इस मामले में प्रदेश का सबसे जागरूक जिला साबित हुआ है।
इन जिलों में सर्वाधिक बाल विवाह
बाल अधिकारिता विभाग के बीते 3 साल (2018 से 2021) के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में सर्वाधिक बाल विभाग भीलवाड़ा जिले में सामने आए। भीलवाड़ा में वर्ष 2018-19 में 53, 2019-20 में 60 और 2020-21 में 21 समेत कुल 134 बाल विवाह के मामले सामने आए। वहीं तीन साल में जयपुर जिले में 90, दौसा में 72 और बूंदी में 67 बाल विवाह के प्रकरण सामने आए। ऐसे में तीन साल में प्रदेश में उक्त चार जिलों में सर्वाधिक बाल विवाह हुए।
ये जिले जागरूक
प्रदेश में सबसे कम बाल विवाह की बात करें तो तीन साल में जैसलमेर में सिर्फ 1 बाल विवाह का मामला प्रकाश में आया। साथ ही सिरोही में 3 और बारां में 5 बाल विवाह हुए। भरतपुर में वर्ष 2018-19 में 6, 2019-20 में 22 और 2020-21 में एक भी बाल विवाह का मामला प्रकाश में नहीं आया। ऐसे पूरे प्रदेश में वर्ष 2018 से 2021 के दौरान कुल 1216 बाल विवाह के मामले सामने आए।
बाल विवाह रोकने के ये इंतजाम
जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि जिले में बाल विवाह रोकने के लिए 2 दिन पहले ही बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के सभी सरपंच, तहसीलदार और पुलिस थाना को पूरी निगरानी रखने के लिए पाबंद कर दिया है। साथ ही यदि कहीं पर कोई बाल विवाह की जानकारी सामने आती है तो कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन के 1098 नंबर पर कॉल कर मदद प्राप्त कर सकता है।
पूरे प्रदेश की रिपोर्ट-देखिए कहां कितने बाल विवाह हुए (वर्ष 2018 से 2021 तक)
जिला - बाल विवाह
अलवर - 65
जोधपुर - 64
उदयपुर - 64
झालावाड़ - 60
सीकर - 49
पाली - 44
टोंक - 41
राजसमंद -35
करौला - 32
भरतपुर -28
अजमेर - 27
सवाई माधोपुर - 27
नागौर - 26
श्रीगंगानगर - 26
बांसवाड़ा - 24