सार
राजस्थान में एचएमपीवी का पहला केस मिला। छह महीने की बच्ची को इस बीमारी के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया था। जानिए अब कैसे है शिशू का हाल?
जयपुर। राजस्थान में चीन से फैला एचएमपीवी वायरस अब धीरे-धीरे अपने पैर पसारता दिख रहा है। डूंगरपुर जिले के रीछा गांव में पहला मामला सामने आने के बाद अब बारां जिले के छीपाबड़ौद में छह महीने के शिशु में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बारां जिले के सारथल पीएचसी क्षेत्र के ग्राम पंचायत भावपूरा के बादलडा गांव में एक शिशु में यह वायरस पाया गया। कोटा मेडिकल कॉलेज से प्राप्त रिपोर्ट के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत अलर्ट जारी कर दिया। सारथल के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने गांव पहुंचकर परिजनों से संपर्क किया और अन्य ग्रामीणों की भी स्वास्थ्य जांच शुरू की।
चिकित्सा प्रभारी डॉ. नंद किशोर वर्मा ने बताया कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान छह महीने के शिशु में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई थी। शिशु को 13 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि अब शिशु की हालत स्थिर है और वह परिवार के साथ गांव लौट आया है। शिशु के पिता बबलू लोधा ने बताया कि उनकी बच्ची दो महीने की उम्र से ही सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित थी। उन्होंने कई डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन सुधार नहीं हुआ। अंत में कोटा के जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाने पर बीमारी की सही पहचान हो पाई।
जैसे दिखे ये लक्ष्ण तो हो जाइए अलर्ट
डूंगरपुर के पहले मामले में भी एक बच्चे में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई थी। अहमदाबाद के डॉक्टरों ने वायरस की पहचान की थी। हालांकि बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने एचएमपीवी वायरस से बचाव के लिए सतर्कता बरतने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की अपील की है। इस वायरस से संक्रमित होने पर खासतौर पर बच्चों में सर्दी, खांसी और सांस संबंधी समस्याएं होती हैं।
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