दबंगों से परेशान होकर अजमेर के एक दलित युवक ने भीम आर्मी चीफ को पत्र लिख किया सुसाइड, चंदशेखर बोले जरूर आऊंगा

राजस्थान में दलितों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहै है। कभी इनको पूजा करने से रोका जाता है कभी मूछ रखने पर पीटा जाता है। ताजा मामले में उच्च वर्ग से परेशान होने के बाद युवक के सुसाइड का मामला सामने आया है। युवक ने सुसाइड नोट लिख भीम आर्मी से न्याय मांगा है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Nov 2, 2022 11:07 AM IST

अजमेर (Ajmer). राजस्थान के अजमेर जिले में एक दलित युवक द्वारा दबंगों से परेशान होकर सुसाइड करने का मामला सामने आया है। दलित युवक द्वारा सुसाइड करने के इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। बता दें कि यह पूरा मामला अजमेर की रुपनगढ़ तहसील के नौसल गांव से जुड़ा है। जहां युवक का सुसाइड नोट पढ़ने के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने कहा कि वे पीड़ित युवक को न्याय दिलाएंगे।

सुसाइड नोट में भीम आर्मी चीफ से मांगा न्याय
जहां पर 23 वर्षीय दलित युवक ने उच्च जाति के लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए एक सुसाइड नोट भी लिखा है। इस सुसाइड नोट में युवक ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद से न्याय दिलाते व खुद का अंतिम संस्कार करवाने की मांग की है। सुसाइड नोट में मृतक ओमप्रकाश रेगर ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। सुसाइड नोट में पुलिस के उत्पीड़न का भी जिक्र किया गया है। तो वहीं इस घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई है और घटना को लेकर गांव व समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

खेती करते है पिता, घर का एकलौता चिराग था
ग्रामीणों ने युवक को न्याय दिलाने की मांग की है। मिली जानकारी के अनुसार मृतक ओमप्रकाश रेगर नर्सिंग की पढ़ाई कर रहा था और परिवार में इकलौता बेटा था ओमप्रकाश के पिता दिव्यांग है और खेती का कार्य करते हैं। मृतक युवक ने सुसाइड नोट में लिखा है मेरी एक आखिरी इच्छा है कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर मुझे न्याय दिलाए और अपने हाथों से मेरा अंतिम संस्कार करे।

 घटना की जानकारी मिलने पर भीम आर्मी चीफ की ने कही ये बात
 तो वही उक्त घटना को लेकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखा है- छोटे भाई तुम्हारे अंतिम पत्र ने जितना भावुक किया उतना ही गुस्से से भर दिया। हार मानने की जगह तुम्हें लड़ना चाहिए था। तुम्हारा भाई अभी जिंदा है जो अपने परिवार के आत्म सम्मान और इंसाफ के लिए अजमेर जरूर आएगा। मेरे भाई अगर जाने से पहले याद किया होता तो सामंतवादियों से हम मिलकर लड़ते।

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