
अलवर. राजस्थान में लंपी वायरस ने रौद्र रूप धारण कर रखा है। सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रही हैं। कई जिलों में गोवंश की मौत के बाद लाशों के ढेर लग गए हैं । गोवंश के शव को डिस्पोज करना भी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है । गोवंश की मौत के कारण दूध उत्पादन पर असर दिखने लगा है । 2 दिन पहले प्रदेश की सबसे बड़ी डेयरी सरस डेयरी ने ₹2 प्रति किलो दूध के दाम बढ़ा दिए थे ,उसके बाद अब मिलावटी दूध का मामला सामने आया है। हजारों लीटर दूध को सड़कों पर फेंक दिया गया है। घटना अलवर जिले की है।
मिलावटी दूध पहुंचा डेयरी में, पूरा का पूरा नाली में बहा दिया
अलवर में सरस डेयरी के अध्यक्ष विश्राम गुर्जर को सूचना मिली थी कि डेयरी में मिलावटी दूध पहुंचा है। जब दूध के टैंकर की जांच की गई तो पता चला दूध में सिंथेटिक उत्पाद मिलाए गए थे और दूध की मात्रा बढ़ाई गई थी । जांच पड़ताल में जब यह दूध दूषित निकला तो दूध को नाली में बहा दिया गया करीब 20000 लीटर दूध को फेंक दिया गया। यह पूरा घटनाक्रम बुधवार देर रात 2:00 बजे का है।
सरस डेयरी करती है सबसे ज्यादा दूध सप्लाई
गौरतलब है कि सरस डेयरी से ही राजस्थान के अधिकतर जिलों में दूध की सप्लाई होती है । प्रदेश के सभी जिलों से दूध का संकलन जिलों में बनी हुई सरस डेयरी सेंटर्स पर पहुंचता है और उसके बाद दूध की गुणवत्ता जांच पड़ताल होकर यह दूध 1 लीटर 2 लीटर और 5 लीटर की पैकिंग में पैक किया जाता है। राजस्थान में दो करोड़ से भी ज्यादा घरों में सरस दूध की सप्लाई होती है। सरस दूध में मिलावट का इतने बड़े स्तर पर यह पहला मौका है। इससे पहले भी दूध में मिलावट के कुछ मामले सामने आए हैं लेकिन दूध के पुरे टैंकर में ही मिलावट होना पहली बार पकड़ा गया है ।
राजस्थान में लंपी वायरस के कारण अब तक 50 हजार से ज्यादा गोवंश की मौत हो चुकी है और करीब 8 लाख गोवंश इससे संक्रमित है। संक्रमित गोवंश में से बहुत बड़ी संख्या में गोवंश का दूध नहीं दोहा रहा जा रहा है।
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