राजस्थान में जिन दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है उनमें एक ये रिटायर्ड इंस्पेक्टर सुनील खत्री हैं और दूसरी महिला इनकी समधन हैं जो कपड़ा कारोबारी की पत्नी है। उनका नाम सुनीता वाधवा है। हर साल हजारों यात्री अमरनाथ यात्रा के लिए जाते हैं।
जयपुर. अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए हादसे में राजस्थानियों की मौत के बाद अब राजस्थान में रहने वाले वे लोग परेशान हो रहे हैं जिनका अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे में देर रात ही राजस्थान के मुख्यमंत्री का भी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होनें सभी जिलों के कलेक्टर्स को अनंतनाग प्रबंधन के संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अपने अपने जिलों में उन लोगों के परिजनों से संपर्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं जो लोग अमरनाथ यात्रा पर गए हैं।
राजस्थान से हर साल जाती हैं अस्सी से ज्यादा बसें, उसके अलावा सैंकड़ों निजी वाहन
राजस्थान से हर साल हजारों यात्री अमरनाथ यात्रा के लिए जाते हैं। पिछले दस साल से जयपुर शहर से यात्रा ले जाने वाले राजकुमार शर्मा का कहना है कि हर साल जयपुर से ही करीब तीस से ज्यादा बसें जाती हैं। हर बस में पचास से ज्यादा यात्री होते हैं। जयपुर के अलावा, भरतपुर, अजमेर, गंगानगर, चूरू, उदपुर, सीकर समेत प्रदेश के पंद्रह से भी ज्यादा जिलों से बसें रवाना होती है। बसों के अलावा प्रदेश भर से हर साल करीब पांच सौ से भी ज्याद निजी चौपहिया वाहन जाते हैं अमरनाथ यात्रा तक।
मुख्मंमत्री ने हैल्पलाइन नंबर जारी करने के दिए निर्देश, जयपुर से मॉनिटरिंग शुरु
सीएम ने सभी जिलों के कलक्टर्स को अपने अपने क्षेत्र में जानकारी जुटाने के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं। गंगानगर कलक्टर रुक्मणि सिहाग ने नंबर जारी कर दिए हैं। वे उन लोगों का पता लगा रही हैं जो लोग गंगानगर से गए हुए हैं। गंगानगर से पिछले पंद्रह से बीस दिनों के दौरान सात बडी बसें रवाना हुई हैं। अधिकतर के यात्री वापस आ चुके हैं। लेकिन अभी भी बडी संख्या में लोग वहां फंसे हुए हैं। सीएम ने खुद इस पूरे मसले को लेकर जयपुर से मॉनिटरिंग शुरु कर दी हैं। सीएम ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि अगर जरुरी हो तो जयपुर से साधन भेजे जाएं और घायलों एवं वहां फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जाए।
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