राजस्थान के बाड़मेर में दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। तालाब में नहाने उतरे 3 की मौत हो गई। जबकि एक की हालत गंभीर बनी हुई है। तालाब का दलदल इतना खतरनाक था कि जो बच्चों को बचाने गया वह वापस नहीं लौटा, दो बच्चे डर के मारे तालाब के पास ही बैठे रोते चीखते रहे।
बाडमेर. राजस्थान में मानसून की एंट्री के साथ ही मौत की भी एंट्री हो चुकी है। बारिश जनित हादसों में दो ही दिन के दौरान सात लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। ताजा घटनाक्रम बाड़मेर जिले का है। बाडमेर में रविवार को एक के बाद एक तीन बच्चों की मौत हो गई। आज उनके शव उनके परिजनों को सौपें गए हैं। मासूम बच्चों के कफन में लिपटे शवों को देखकर कोहराम मचा हुआ है। बाडमेर से पहले बीकानेर और राजसमंद जिले में भी बारिश जनित हादसे होने से मौते हुई हैं।
जो बचाने गया, वहीं वापस नहीं लौटा, दो बच्चे जिंदा लौटे, एक की हालत बेहद गंभीर
बाडमेर जिले के रामसर थाना क्षेत्र में स्थित सलाउु गांव में यह हादसा हुआ। पुलिस ने बताया कि गांव में रहने वाले एक ही परिवार के छह बच्चे कल दोपहर में घर से निकले थे। घर वालों को कहकर गए थे कि पास ही खेलने जा रहे हैं। परिवार के लोगों ने चेताया था कि गांव से बाहर नहीं जाएं और पानी के पास तो बिल्कुल ही नहीं जाएं। बच्चे हांमी भरकर घर से रवाना हो गए।
मारे गए सभी मासूमों की उम्र 10 से 12 साल के बीच
पुलिस ने बताया कि गांव में रहने वाले मुराद और शोभराद और अन्य परिवार के बच्चे थे। बच्चों के नाम शाहीद, सोहेल, आसिफ, जावेद और दो अन्य हैं। सबकी उम्र दस से बारह साल के बीच हैं।पुलिस ने बताया कि शाहीद नहाने उतरा था गांव के पास ही स्थित सलेउु तालाब में । लेकिन चिकनी मिट्टी में पैर फिसल गया। उसके बाद वह अंदर जाता चला गया। बचाने उतरे सोहेल और आसिफ भी वहां पानी में उतर गए। लेकिन मिट्टी ने उनको भी नहीं बक्शा। दलदल उनको भी लील गई। उसके बाद तीनों को बचाने के लिए जावेद नीचे उतरा तो वह भी दलदल में फंस गया। उसके दो भाई किनारे पर बैठे बैठै शोर मचाते रहे और रोते रहे। बाद में वहां से गुजर रहे लोगों ने उनको बचाने की कोशिश की। लेकिन सिर्फ जावेद को ही बचाया जा सका। कई घंटों की मशक्कत के बाद तीनों के शव रविवार शाम तक बाहर निकाल जा सके। शव आज सवेरे पुलिस ने परिजनों के हवाले किए हैं। परिवार में कोहराम मचा हुआ है। माता पिता उस घड़ी को कोस रहे हैं जब बच्चे खेलने के लिए निकले थे।