गुरुवार की रात एक परिवार में फायरिंग की खौफनाक वारदात हुई। दिवाली से पहले तमंचे चलाने की इस घटना ने परिवार के तीन चिराग बुझा दिए। आपसी रंजिश के कारण तीन पहलवान भाईयों ने एक दूसरे को गोलियों से भून दिया। शुक्रवार के दिन मृतकों का पीएम कराया जाएगा।
भतरपुर. राजस्थान के भरतपुर जिले में आपसी रंजिश के चलते बीच दोनों पक्षों के विवाद का नतीजा यह हुआ कि दोनों एक दूसरे पर फायरिंग करने के लिए उतारू हो गए पूर्णविराम इस फायरिंग में एक पक्ष के तीन लोग जिनमें दो बेटे और बाप शामिल है तीनों की मौत हो गई। महज 10 मिनट की इस लड़ाई में एक परिवार अपने तीन सदस्यों को खो चुका है। भले ही तीनों मृतक के पेशे से खतरनाक पहलवान बताए जाते हो। लेकिन गोली लगते ही मौके पर खत्म हो गए। आज तीनों के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। घटना के बाद इलाके में बुरी तरह से दहशत है।
बाजार में भिड़े दो लोग, शाम को घर में चली गोलियां
दरअसल भरतपुर के पथेना गांव के रहने वाले विजेंद्र सिंह और उसका बेटा किशन और हेमू गुरुवार शाम बाजार गए थे। बाजार में विजेंद्र कि दुश्मन मोहन सिंह का बेटा सतेंद्र नाम का एक युवक भी गया हुआ था। यह किसी बात को लेकर विजेंद्र सिंह के दोनों बेटे और सतेंद्र के बीच कहासुनी हो गई। सतेंद्र को अकेला देखकर विजेंद्र के दोनों बेटों ने उसके साथ मारपीट कर डाली। इसके बाद सतेंद्र घर पहुंचा जिसने पूरी बात अपने छोटे भाई और पिता को बताई। इसके बाद मोहन सिंह के दोनों बेटे और विजेंद्र सिंह के दोनों बेटे आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच फायरिंग भी हुई। 10 मिनट की इस फायरिंग से लोग इतने डरे कि उन्होंने एक बीच-बचाव करने की बजाय अपने घरों के गेट ही बंद कर लिए।
10 मिनट में सब हुआ खत्म
महेश 10 मिनट की इस लड़ाई में विजेंद्र और उसके दोनों बेटों हेमू और किशन की मौत हो गई। किशन RAC में तैनात था। वहीं दूसरे पक्ष में भी दो लोगों को गर्दन में गोली लगी है। आज मृतकों के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंपा जाएगा। घटना के बाद इलाके में बुरी तरह से दहशत फैल चुकी है। दोनों ही पक्ष पहलवानी करते थे। ऐसे में माना जा रहा है कि पहलवानी को लेकर ही दोनों के बीच पिछले काफी समय से रंजिश चली आ रही थी। फिलहाल पुलिस ने मोहन सिंह को हिरासत में लिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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