राजस्थान के भीलवाड़ा से समाज को कलंकित करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक दुल्हन का शादी के बाद सुहागरात में उसका वर्जिनिटी टेस्ट किया गया। वह जब पास नहीं हुई तो उसे जानवरों की तरह प्रताड़ित किया। इतना ही नहीं पंचायत ने 10 लाख का जुर्माना भी लगाया।
भीलवाड़ा (राजस्थान). देश को आजाद हुए भले ही 75 साल हो चुके हो। राजस्थान सरकार भले ही महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के हक के लिए कितनी योजनाएं लेकर आ रही हो। लेकिन भीलवाड़ा में आज सामने आए एक कुकड़ी प्रथा के मामले ने इन पूरे दावों की पोल खोल कर रख दी है। दरअसल, यहां एक विवाहिता ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होने पर करीब 5 महीने तक मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करवाया है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दुल्हन वर्जिनिटी टेस्ट में नहीं हो पाई पास...
भीलवाड़ा पुलिस के मुताबिक, 24 साल की विवाहिता की शादी करीब 4 महीने पहले हुई थी। शादी वाले दिन ही उसका कुकडी प्रथा मतलब वर्जिनिटी का टेस्ट हुआ। लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो पाई। इसके बाद से ही उसके ससुराल वाले गुस्साए हुए थे। जिन्होंने जब पीड़िता से पूछताछ की तो सामने आया कि उसके पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने शादी से पहले उसका रेप कर दिया था। ऐसे में वह वर्जिनिटी टेस्ट में सफल नहीं हो पाई। इसके बाद लड़की के परिवार वालों ने पुलिस में रेप का मुकदमा भी दर्ज करवाया।
वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होने पर मांगा 10 लाख का जुर्माना
दुल्हन की वर्जिनिटी को लेकर 31 मई को गांव में पंचायत हुई। जिस पर फैसला सुनाया गया कि लड़की के परिवार पर ₹10 लाख का जुर्माना लगेगा। ऐसे में पीड़िता और उसके परिवार ने हिम्मत करके पुलिस में विवाहिता के ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दी है। अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि शादी के बाद से ही लगातार पीड़िता को परेशान किया जा रहा था कि वह कुकड़ी प्रथा में पास नहीं हो पाई।
आरोपियों की बेटी इसी प्रथा से तंग आकर कर चुकी सुसाइड
ससुराल वाले उसका मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से शोषण करते। वहीं अब तक की पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि विवाहिता की एक नंद ने भी इसी प्रथा में पास नहीं होने पर परेशान होकर सुसाइड कर लिया था। बावजूद इसके ससुराल वाले लगातार विवाहिता को परेशान कर रहे थे।
चादर पर खून का धब्बे मिलें तो दुल्हन वर्जिनिटी टेस्ट में पास...
दरअसल, कुकड़ी प्रथा राजस्थान में पिछले करीब 100 सालों से चले आ रही है। जिसमें सुहागरात पर पास होने पर ही विवाहिता को शुभ माना जाता है। सुहागरात से पहले बिस्तर पर एक सफेद धागों की गेंद रखी जाती है। इसके बाद दूल्हा और दुल्हन दोनों पक्षों के लोग इसे चेक करते हैं। यदि वह लाल होती है तो यह माना जाता है कि विवाहिता वर्जन है। इसके बाद सफेद कपड़ा विवाहिता के पीहर और सफेद धागों की गेंद ससुराल वाले रखते हैं। वही विशेषज्ञों की माने तो विवाहिता के वर्जन नहीं होने पर इस प्रथा के मुताबिक दूल्हा खुद चिल्ला चिल्ला कर लोगों को बताता है कि उसकी पत्नी चरित्रहीन है। जो पहले किसी और के साथ रात गुजार चुकी है। इसके बाद ससुराल वाले दुल्हन के कपड़े उतार कर उसे पीटते हैं और उससे अपने प्रेमी का नाम पूछते हैं।