राजस्थान के भीलवाड़ा में एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जहां एक 21 दिन की मासूम की हॉस्पिटल की चाइल्ड केयर यूनिट में वार्मर हीट में झुलसने के कारण जान चली गई। जहां पूरा परिवार दिवाली के बाद घर में बड़े जश्न की तैयारी कर रहे थे वहां अब मातम छा गया।
भीलवाड़ा. वह सिर्फ 21 दिन की थी। उसका वजन करीब डेढ़ किलो था। पैदा होते ही गंभीर बीमारियों में जकड़ ने के कारण उसे अस्पताल की एनआईसीयू यूनिट में भर्ती कराया गया था। यूनिट में इतनी घोर लापरवाही हुई कि उसकी बेहद दर्दनाक तरीके से मौत हो गई। यह बच्ची करीब 21 दिन पहले जन्मी थी और आज यानि बुधवार की सुबह सवेरे उसकी जान चली गई। मामला भीलवाड़ा जिले का है। परिवार चित्तौड़गढ़ जिले का रहने वाला है।
शिशु यूनिट में चल रहा था इलाज
मिली जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में गहन शिशु ईकाई में भर्ती 21 दिन की बच्ची वार्मर हीट से झुलस कर जान गवा बैठी। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया तो अस्पताल प्रबंधन में पूरे घटनाक्रम की जांच पड़ताल के लिए कमेटी का गठन कर दिया और फिलहाल दो नर्सिंग कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
कमजोर जन्मी थी मासूम, दिवाली के बाद घर लाने की थी तैयारी
दरअसल चित्तौड़गढ़ जिले के रहने वाले पप्पू बिश्नोई के यहां 21 दिन पहले बच्ची का जन्म हुआ था। बच्ची का वजन बेहद कम था इस कारण उसे अस्पताल की शिशु इकाई में रखा गया था। बच्ची को घर वालों ने सुमित्रा नाम दिया था। उसे दिवाली पर घर लाने की तैयारी की जा रही थी ,लेकिन उसकी तबियत और ज्यादा बिगड़ गई तो चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल प्रशासन ने उसे भीलवाड़ा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। भीलवाड़ा अस्पताल में मानो मौत नन्हीं लक्ष्मी का इंतजार ही कर रही थी । उसे देर रात वहां भर्ती कराया गया था और आज सवेरे उसकी जान चली गई। गहन शिशु इकाई में वार्मर हीट का तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा था इस कारण एक बच्चा भी झुलस गया।
दो नर्स हुई संस्पेंड, जांच कमेटी बनी
जब अस्पताल में हंगामा हुआ तो अस्पताल प्रबंधन ने बात संभालते हुए दो नर्सिंग कर्मी निलंबित कर दिए। उधर परिवार के लोग भी बिना पोस्टमार्टम कराए बच्ची का शव अपने साथ ले गए। बच्ची की मौत के बारे में जब परिवार के बाकी सदस्यों को सूचित किया गया तो घर में खुशियों की जगह मातम छा गया।
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