बीकानेर से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां शिक्षकों की मांग करते हुए परेशान हुए तो उन्होंने गांधी जी का तरीका। शिक्षा विभाग ने रातों-रात ऑफिस खोलकर ऑर्डर जारी किए। इसके बाद स्टूडेंट ने मांग की है कि शिक्षकों को भी जल्दी भेज दे।
बीकानेर. राजस्थान में सरकारी शिक्षा के हाल बेहाल हैं। पिछले 1 महीने के दौरान जयपुर समेत राजस्थान के 15 से ज्यादा शहरों में शिक्षकों की मांग, उनके तबादले निरस्त करने समेत शिक्षा से जुड़े अन्य मामलों को लेकर कई स्कूल बंद करा दिए गए हैं। उन के बाहर प्रदर्शन किए गए हैं और यहां तक की हाईवे तक जाम किए गए हैं। लेकिन अब बीकानेर से जो मामला सामने आया है वह बेहद चौंकाने वाला है और राजस्थान के एजुकेशन सिस्टम पर एक तमाचा है।
मांग करते हुए थके, तो अपनाया ये रास्ता
दरअसल बीकानेर में एक सरकारी स्कूल के बच्चे लगातार शिक्षकों की मांग करते रहे । हर संभव प्रयास करने के बाद भी जब उनकी बात नहीं मानी गई तो उन्होंने अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए पैदल मार्च निकाल दिया । बच्चों के इस पैदल मार्च के आगे शिक्षा विभाग को झुकना पड़ा और संबंधित अधिकारियों ने हाथों-हाथ शिक्षकों की व्यवस्था करते हुए इसके सरकारी आर्डर भी जारी कर दिए। बच्चों की यह बड़ी जीत है, लेकिन उसके साथ ही राजस्थान में एजुकेशन सिस्टम का हाल बेहाल होती तस्वीर भी दिख रही है ।
यह है पूरा मामला
बीकानेर जिले के ग्रामीण इलाके में पड़ने वाले लूणकरणसर क्षेत्र के सोडवाली गांव में उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूल है। इस स्कूल में 15 शिक्षकों के पद हैं ,लेकिन करीब 1 साल से 8 शिक्षक इधर-उधर ट्रांसफर कर दिए गए हैं। बच्चों के साथ उनके परिजन भी लगातार हर संभव जगह पर पत्र लिखकर और खुद हाजिर होकर शिक्षक लगाने की बात कर चुके हैं। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। मंगलवार को बच्चों ने एक नया रास्ता अपनाया ।बच्चों ने गांव से बीकानेर जिला मुख्यालय तक के लिए पैदल अहिंसा मार्ग निकालना शुरू कर दिया। इस बारे में उन्होंने अपने परिजनों को भी बहुत बाद में जानकारी दी। बच्चों ने हाथ में तिरंगा लिया और उसके बाद बीकानेर में जिला मुख्यालय के लिए कूच कर दिया।
निकाली दांडी यात्रा, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूले
रात तक वे बीकानेर पहुंच तो गए लेकिन ढेर हो गए। रात को वे खारा गांव के पास एक जगह रुक गए। इसकी सूचना अब तक शिक्षा विभाग तक पहुंच चुकी थी। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी समेत कई शिक्षक उनके पास तक पहुंचे और उनकी मांग पूरी करने के लिए शिक्षा निदेशालय को जानकारी दी । बच्चों की हालत देखकर रातों-रात ही आदेश भी जारी हो गए और स्कूल में 3 शिक्षक लगाने के आर्डर बच्चों के सामने आ भी गए। आज इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ। दोपहर से लेकर रात तक चलने के दौरान कई बच्चों के पैरों में तकलीफ हो गई। कई बच्चों की चमड़ी फट गई। कुछ के पैरों में छाले हो गए और कुछ के पैरों से खून जिसने लगे। खारा गांव में ही बच्चों की मरहम पट्टी की गई और उसके बाद उनको उनके गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की गई।
अब आज बच्चों का कहना है कि शिक्षा विभाग ने आदेश तो जारी कर दिए हैं लेकिन निवेदन यही है कि शिक्षकों को जल्दी भेज दें ताकि आने वाले अर्धवार्षिक परीक्षा में बच्चों के अच्छे नंबर आ सके।
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