
अलवर (Rajasthan) । किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले पर शुक्रवार को तातरपुर चौराहे पर हुए हमले को लेकर बयानबाजी का भी दौर शुरू हो गया है। खुद पर लग रहे आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी ने कहा कि इस हमले से उनकी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि ये पूरी घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई थी। आखिर पुलिस वहां मूकदर्शक क्यों बनी रही? बता दें कि राकेश टिकैत का आरोप था कि कुछ लोगों ने स्वागत के बहाने उनकी गाड़ी रुकवाई और फिर हमला कर दिया। उनके ऊपर स्याही भी फेंकी गई थी। साथ ही उनकी कार के शीशे भी फोड़ दिए थे। हालांकि मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
33 लोगों ने हमला किया था, 14 गिरफ्तार
टिकैत पर हमले का मामला शुक्रवार देर रात दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस ने ABVP के कार्यकर्ता कुलदीप सिंह यादव समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।
राकेश टिकैत ने ट्टीट कर लगाया आरोप
राकेश टिकैत ने ट्वीट कर इसके लिए भाजपा पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा के गुंडों ने उनके ऊपर हमला किया है। वहीं, एफआईआर के मुताबिक, राकेश टिकैत के काफिले पर शुक्रवार शाम 33 लोगों ने हमला किया था।
स्वागत के बहाने रोकी थी गाड़ी
एफआईआर के मुताबिक, स्वागत करने के बहाने पहले टिकैत की गाड़ी रुकवाई गई, उसके बाद लाठी से कार का शीशा तोड़ दिया। इसके अलावा टिकैत पर काली स्याही भी भी फेंकी गई. इस हमले में राकेश टिकैत और राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर के ससुर राजाराम मील के सुरक्षाकर्मी से हथियार भी छिनने की कोशिश की गई।
आखिर कौन है सही
एक तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पूरे हमले को सुनियोजित भी बताया है। वहीं,दूसरी तरफ बीजेपी कहना है कि इस हमले से उनकी पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। ये पूरी घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई थी। आखिर पुलिस वहां मूकदर्शक क्यों बनी रही?
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