राजस्थान के सठों और मारवाड़ी भगवान के प्रति अपनी आस्था के लिए जाने जाते है। ये मंदिर में दान देकर कुछ न कुछ निर्माण करवाते रहते है। एक बार फिर एक भक्त ने 15 किलो सोने का गुप्त दान दिया है,जिसके चलते लोगों को उसका नाम तक पता नहीं है।
चित्तौड़गढ़ ( chittorgarh). राजस्थान के सेठ और मारवाड़ी हमेशा मंदिरों में दिए जाने वाले अपने दान को लेकर चर्चा में रहते हैं। कोई भगवान को चांदी का त्रिशूल चढ़ाता है तो कोई चांदी का बना छोटा सा ट्रैक्टर। लेकिन इस बार राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले में एक भक्त ने मंदिर में ऐसा दान किया है कि उसका नाम मंदिर के पुजारी तक को नही पता। वही इसका काम भी एक ही दिन में पूरा हो गया। वक्त ने चित्तौड़गढ़ के किले पर बने कालिका माता मंदिर में मूर्ति के पीछे दीवार बनवाई है। जो चांदी से बनी है। इस दीवार को बनाने में करीब 15 किलो चांदी और अन्य धातुएं लगी है।
साल भर पहले बस बोल कर गया था, पर पता नहीं था सच में कर देगा ऐसा
मंदिर के पुजारी रामनारायण पुरी ने बताया कि करीब 1 साल पहले एक दिन मंदिर में एक भक्त आया था। जिसने मंदिर में मूर्ति के पीछे चांदी की दीवार बनवाने की बात कही थी। उसी दिन वह मजदूरों के साथ लेकर चला गया। लेकिन करीब 1 साल बीत जाने के बाद भी वह वापस नहीं आया। कल सुबह वही वक्त वापस मजदूरों के साथ मंदिर पहुंचा और सुबह से लेकर देर रात तक काम किया। और फिर रात को मंदिर भी दर्शनों के लिए खोल दिया गया। पुजारी ने बताया कि जिस दौरान यह काम हुआ उस वक्त मंदिर का कोई भी पुजारी वहां मौजूद नहीं था।
दीवार बनाने में लगी 15 किलो चांदी
महंत ने बताया कि इस दीवार को बनाने में करीब 15 किलो चांदी का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि भक्त ने अपना नाम नहीं बताया है। वहीं मंदिर में 800 साल में पहली बार ऐसा कोई चढ़ावा आया है कुरान जैसे ही इस बात का लोगों को पता चला तो देर रात तक मंदिर में इसे देखने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। गौरतलब है कि चित्तौड़गढ़ के सांवरिया सेठ मंदिर में भी ऐसे ही दान किए जाते हैं जिनकी कीमत लाखों से करोड़ों तक होती है।
यह भी पढ़े- भक्त ने राधा रानी को दान किया स्वर्ण रजत गद्दी, दिल्ली के ज्वैलर्स ने 6 महीने में बनाया करोड़ों का सिंहासन