बजरंग महज पांचवी पास है। जिसकी मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। वह जयपुर एयरपोर्ट में फ्लाइट देखने गया था लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे अंदर नहीं जाने दिया। जिसके बाद उसने खुद का एयरक्राफ्ट बनाने का फैसला किया और 8 साल में बना दिया।
चूरू. कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो...गुलजार के इस शेर को चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील के दस्सूसर गांव में रहने वाले बजरंग ने सार्थक कर दिखाया है। जो महज पांचवी पास है और मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है। लेकिन, जब एक दिन प्लेन देखने की इच्छा में एयरपोर्ट जाने पर सुरक्षा गार्डों ने उसे रोक दिया तो उसने खुद ही एयरक्राफ्ट तैयार करने का संकल्प ले लिया। उसने इसके लिए दिन रात मेहनत की और आखिरकार घर में ही एयरक्राफ्ट तैयार कर अनूठा कारनामा कर दिखाया।
15 लाख में तैयार हुआ टू सीटर एयरक्राफ्ट
दस्सूसर निवासी बजरंग ने एयर क्राफ्ट टू सीटर बनाया है। जो पूरी तरह देसी तकनीक पर आधारित है। बजरंग ने बताया कि यह जीपीएस सिस्टम पर काम करेगा। जिसका इंजन पेट्रोल पर चलेगा। हवा में यह 550 मीटर ऊंचाई तक जाने की क्षमता रखता है। जिसमें यात्री सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। बजरंग ने बताया कि एयरफ्राफ्ट का निर्माण करने में करीब 15 लाख रुपये की लागत आई है।
प्लेन नहीं देखने दिया तो लिया संकल्प
बजरंग ने बताया कि उसके मन में एयरक्राफ्ट तैयार करने का विचार आया तो वह करीब 8 साल पहले जयपुर एयरपोर्ट पहुंचा था फ्लाइट देखने। लेकिन उसे वहां सुरक्षाकर्मियों ने अंदर जाने से रोक दिया। ये बात उसके दिल में लग गई। इसके बाद उसने जो कियावह सबके सामने हैं। प्लेन नहीं देख पाने से वह बहुत निराश हुआ लेकिन तभी उसने खुद का एयरक्राफ्ट बनाने की मन में ठान ली। जिसके बाद 2015 में वह अपने निजी एयरक्राफ्ट के मिशन में जुट गया। और सात साल बाद आखिरकार उसने खुद का अपना प्लेन तैयार कर लिया।
उड़ने का इंतजार
बजरंग का देसी एयरक्राफ्ट अब उड़ने को पूरी तरह तैयार है। लेकिन, इसके लिए उसे प्रशासन की अनुमति का इंतजार है। जिसकी उसने कवायद शुरू कर दी है। सब कुछ ठीक रहा तो बजरंग का विमान जल्द ही आसमां से बातें करता नजर आएगा।
पांचवी पास बजरंग की राजलदेसर में दुकान
बजरंग महज पांचवी पास है। जिसकी राजलदेसर में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है। बजरंग ने बताया कि पिछले साल साल में वह जो भी दुकान से कमा रहा था उसका ज्यादातर हिस्सा उसने इस एयरक्राफ्ट को बनाने में लगा दिया। अब उसे जल्द उसके उडऩे का ही इंतजार है।
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