राजस्थान में सीएम गहलोत का शराब की दुकानें बंद करने को लेकर बड़ा फैसला, हजारों शराब कारोबारियों में मचा हड़कंप

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के एक फैसले के बाद शराब से कारोबारियों में खलबली मची हुई है। इस साल सरकार ने शराब कारोबार से रेवेन्यू टारगेट पंद्रह हजार करोड़ रुपए रखा है। राजस्थान में सात हजार पांच सौ से भी ज्यादा शराब दुकानें हैं।

Ujjwal Singh | Published : Dec 9, 2022 7:55 AM IST / Updated: Dec 09 2022, 01:30 PM IST

जयपुर(Rajasthan). राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के एक फैसले के बाद शराब से कारोबारियों में खलबली मची हुई है। इस साल सरकार ने शराब कारोबार से रेवेन्यू टारगेट पंद्रह हजार करोड़ रुपए रखा है। राजस्थान में सात हजार पांच सौ से भी ज्यादा शराब दुकानें हैं। इन शराब दुकानों को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार रात क्राइम मीटिंग में बड़ी बात बोल दी है। जिसके बाद शराब कारोबारियों में खलबली मच गई है। 

गौरतलब है कि गुरूवार रात सीएम अशोक गहलोत अधिकारियों के साथ क्राइम मीटिंग में थे। समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने बढ़ते क्राइम पर और देर रात तक खुलने वाली शराब की दुकानों पर फोकस कर लिया। उन्होंने कहा कि अगर आठ बजे के बाद अगर शराब की दुकानें खुली मिलती हैं तो उस एरिया के एसएचओ को सस्पेंड करने की तैयारी कर ली जाएगी और सर्किल अफसर पर भी गाज गिरेगी। इस घोषणा के बाद राजस्थान पुलिस और शराब कारोबारियों में हडकंप मचा हुआ है। 

शराब कारोबारी बोले-कहां से पूरा होगा बिक्री का टारगेट 
सीएम की इस घोषणा के बाद उधर शराब कारोबारियों का कहना है कि सरकार हर साल उन पर अधिक से अधिक शराब लेने का दबाव बनाती है और उन पर तय टारगेट से ज्यादा शराब बिक्री थोप देती है। उपर से राजस्थान में शराब की दुकानें खुलने का समय रात आठ बजे तक ही है। जबकि अधिकतर कामकाजी लोग रात आठ बजे तक काम करते हैं और उसके बाद अपने घरों के लिए जाते हैं। ऐसे में आठ बजे दुकानें बंद करनी पडती हैं। इसका खामियाजा धंधे को उठाना पडता है। 

साल में 15 सौ से भी अधिक शिकायतें 
शराब कारोबारी रात आठ बजे के बाद चोरी छुपे शराब बेचते हैं। हर साल करीब पंद्रह सौ से भी ज्यादा शिकायतें आबकारी विभाग के पास पहुंचती हैं । कई बार बंधी लेने की खबरें भी आती रहीं है कि आठ बजे के बाद  थानाधिकारी बंधी लेकर शराब की दुकानें खुलने देते हैं। ऐसे में अब रात आठ बजे के बाद शराब की दकानें खुलती हैं तो एसएचओ को भुगतना होगा। राजस्थान में नौ सौ पुलिस थाने हैं और इसके अलावा दो सौ से ज्यादा सर्किल अफसर हैं।

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