
जयपुर(Rajasthan). गहलोत सरकार ने राजस्थान सिविल सेवा नियम में संशोधन को मंजूरी देने का बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। बता दें कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी आरक्षण में विसंगति की समस्या का समाधान होने की आशा है। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं।
बैठक के बाद गहलोत सरकार के मंत्री महेश जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि आरक्षण को लेकर जो विसंगति थी उसे दूर कर दिया गया है।आधिकारिक बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा, भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन बद्ध नियम ए- 1988 में संशोधन का फैसला लिया है। इससे राज्य की भर्तियों में पूर्व सैनिकों को क्षैतिज श्रेणीवार आरक्षण प्राप्त होगा।
अनुसूचित जाति-जनजाति के पूर्व सैनिकों को भी होगा फायदा
गौरतलब है कि इस संशोधन से अनुसूचित जाति- जनजाति के पूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। तो वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों, पूर्व सैनिकों के अलावा का भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।
पूर्व मंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई
सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने ट्वीट कर सभी युवाओं को बधाई दी। उन्होंने लिखा, ओबीसी आरक्षण विसंगति आंदोलन में संघर्ष के सभी साथियों को बधाई, कैबिनेट में साथ देने वालों को धन्यवाद। विवाद से नहीं सामंजस्य सहयोग व संघर्ष से सफलता मिलती है।
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