राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस ने आदिवासी समाज को टारगेट कर बड़ी योजनाएं बनाई हैं।
जयपुर(Rajsthan). राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले देश की दोनों ही बड़ी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस ने आदिवासी समाज को टारगेट कर बड़ी योजनाएं बनाई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 1 नवंबर को बांसवाड़ा में उस जगह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा रखी है जिसे आदिवासी तीर्थ मानते हैं। मानगढ़ पहाड़ी पर होने वाली यह सभा इसलिए विशेष है क्योंकि मानगढ़ पहाड़ी का आदिवासियों के लिए बहुत महत्व है। इसके साथ ही बांसवाड़ा में जिस जगह मानगढ़ पहाड़ी है उसकी सीमा गुजरात और मध्य प्रदेश से भी लगी है । इन दोनों ही राज्यों में भी सीमा के नजदीक ही आदिवासी बड़ी संख्या में रहते हैं । इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तीर से तीन शिकार करने की तैयारी की है।
दूसरी ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी की इस मास्टर प्लानिंग से भी बड़ा दांव खेल दिया है । उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जनता के नाम पर बड़ी मांग कर दी है । अब अगर प्रधानमंत्री यह मांग मानते हैं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम ऊंचा होगा और अगर यह मांग पूरी नहीं करते हैं तो प्रधानमंत्री का भाषण मुख्यमंत्री की मांग के आगे छोटा पड़ता दिखाई देगा।
पीएम मोदी से गहलोत ने रख दी बड़ी मांग
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखकर यह मांग रखी है कि मानगढ़ पहाड़ी को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया जाए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे लेकर पहले भी केंद्र सरकार को पत्र लिखे थे लेकिन इन पत्रों का जवाब नहीं आ पाया। अब प्रधानमंत्री खुद आदिवासियों की तीर्थ कहीं जाने वाले मानगढ़ पहाड़ी पर आ रहे हैं, तो इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से इसी मांग को पत्र के जरिए दोहराया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री वास्तव में आदिवासियों का भला चाहते हैं तो वे इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में पहचान दिलवा दें।
1500 आदिवासियों को गोलियों से भून दिया गया था
उल्लेखनीय है कि करीब 100 साल पहले मानगढ़ पहाड़ी पर ही क्रांतिकारी गोविंद गुरु की अगुवाई में हजारों आदिवासी लोगों ने अंग्रेजो के खिलाफ हल्ला बोल कर दिया था। इससे नाराज होकर अंग्रेज सरकार ने करीब 15 सौ से ज्यादा आदिवासियों को गोलियों से भून दिया था। इस हमले में गोविंद गुरु बच गए थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था उन्हें और उनके साथियों को बहुत खतरनाक यातनाएं दी गई थी। बाद में जब देश आजाद हुआ तो उन्हें रिहा किया गया था। तभी से इस जगह को आदिवासी तीर्थ के रूप में मानते हैं । 7 नवंबर को इसी जगह पर आदिवासियों का बड़ा सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है । इस सम्मेलन से 6 दिन पहले यानी 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांसवाड़ा में मानगढ़ पहाड़ी धाम पर आ रहे हैं।