कोरोना वायरस ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। इससे निपटने के लिए लागू हुए लाॉकडाउन की वजह से देश के कई हिस्सों से मार्मिक खबरें आ रही हैं। इसी बीच राजस्थान से दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। जहां 24 घंटे के अंदर एक पति-पत्नी की मौत हो गई और तीन मासूम बच्चे अनाथ हो गए।
भरतपुर (राजस्थान). कोरोना वायरस ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। इससे निपटने के लिए लागू हुए लाॉकडाउन की वजह से देश के कई हिस्सों से मार्मिक खबरें देखने को मिल रही हैं। इसी बीच राजस्थान से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। जहां 24 घंटे के अंदर पति-पत्नी की मौत हो गई और तीन मासूम बच्चे अनाथ हो गए।
पत्नी के अंतिम संस्कार के बाद पति भी छोड़ गया दुनिया
दरअसल, यह घटना भरतपुर जिले के भुसावर-थाना क्षेत्र के गांव निठार में घटी। जहां लंबी बीमारी के चलते दंपती ने दम तोड़ दिया। 12 मई को संतोष देवी की मौत हुई, गांववालों ने तीनों बच्चों से मां का अंतिम संस्कार करवाया। वहीं पति सुरेंद्र अपनी पत्नी की मौत का गम सहन नहीं कर पाया और13 मई को वह भी चल बसा। इस तरह इन मासूमों ने नन्हें हाृथों से 24 घंटे के अंदर अपने माता-पिता का अंतिम संंस्कार किया।
माता-पिता के जाने के मासूम बच्चे हो गए अनाथ
जानकारी के मुताबिक, मृतक सुरेंद्र की शादी 2007 में संतोषी देवी के साथ हुई थी। दोनों की तीन बच्चे थे, बड़ा बेटा लोकेश 10 साल का, दूसरा बेटा कपिल 8 का और सबसे छोटा और तीसरा बेटा गौरव 6 साल का था। लेकिन, माता-पिता के जाने के बाद यह तीनों मासूम अनाथ हो गए, अब कोई इनका ख्याल रखने वाला नहीं बचा।
पड़ोसी ने बयां किया मृतक का दर्द
मृतक के पड़ोसी खुबीराम ने बताया सुरेंद्र विकलांग था, उसके हाथ-पैर में नाखून नहीं थे। वह मार्बल का काम करता था, लेकिन, बीमारी के चलते उसने यह काम छोड़ दिया। इसके बाद वह एक प्राइवेट स्कूल में चपरासी की नौकरी करने लगा। युवक की माली हालत इतनी खराब थी कि वह अपना और पत्नी का इलाज सही से नहीं करा पाया। जिसके चलते दोनों एक दिन के अंतर से दुनिया छोड़ गए।