
भरतपुर, राजस्थान. बिना रिश्वत 'सेवा' नहीं करने की जिद इस प्रसूता और उसके नवजात बच्चे की जिंदगी पर भारी पड़ गई। यह शर्मनाक तस्वीर चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के विधानसभा क्षेत्र के जनाना अस्पताल की है। प्रसूता को एम्बुलेंस के जरिये अस्पताल लाया गया था। लेकिन एम्बुलेंस वाला 500 रुपए की रिश्वत पर अड़ा हुआ था। गरीब परिवार के पास इतना पैसा नहीं था। दोनों इसी पर चर्चा कर रहे थे। आखिरकार वो रिश्वत लेकर ही माना। इससे प्रसूता को अस्पताल के अंदर तक ले जाने में देरी हो गई। परिजन प्रसूता को जैसे ही स्ट्रेचर पर लिटाने लगे, बच्चे का जन्म हो गया। बच्चा नाल के सहारे नीचे लटक गया। यह देखकर परिजन घबरा गए। इसके बावजूद कोई भी स्टाफ मदद को आगे नहीं आया। परिजनों ने ही प्रसूता को संभाला।
जा सकती थी बच्चे की जान...
25 वर्षीय संगीता अलवर के डेडकी की रहने वाली हैं। यहां उनका मायका है। गुरुवार रात प्रसव पीड़ा होने पर उन्हें डीग अस्पताल लाया गया था। वहां से उन्हें जनाजा अस्पताल रेफर किया गया था। रास्ते में एंबुलेंस वाला 500 रुपए के भाड़े पर अड़ गया। जबकि यह सेवा नि:शुल्क थी।
जब गेट पर प्रसूता का प्रसव हुआ और किसी ने मोबाइल पर वीडियो बनाना शुरू किया, तब स्टाफ घबराकर वहां पहुंचा। इसके बाद प्रसूता को भर्ती कराया गया। हालांकि, मालूम चला कि प्रसूता और उसका परिवार से बिना बताए चला गया। इस संबंध में जनाना अस्पताल के प्रभारी डॉ. रूपेंद्र झा ने किसी भी लापरवाही से साफ इनकार कर दिया। जबकि तस्वीरों में साफ नजर आ रही है कि कैसे नवजात मां की नाल से लटका रहा।
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