राजस्थान के उदयपुर से दर्दनाक खबर सामने आई है। जहां एक गर्भवती महिला को 4 बेटियों के बाद बेटा पैदा हुआ था। लेकिन उसकी किस्मत ऐसी थी कि बेटे को जन्म देने के बाद ही उसकी मौत हो गई। वह ना तो अपने लाल को गोद में ले पाई और ना ही उसे एक झलक देक सकी।
उदयपुर (राजस्थान). उदयपुर से एक दिल को झकझोर देने मामला सामने आया है। जहां एक पूरे परिवार को लंबे अर्से के बाद घर में बेटे का इंतजार था। बेटा जन्मा और पूरे घर में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन अपने बेटे के जन्म का जश्न मनाने के लिए मां नहीं रही। चार बेटियों के बाद हुए बेटे को जन्म देने के अगले दिन मां की मौत हो गई। वह ना तो अपने लाल को गोद में ले पाई और ना ही उसे दूध पिला सकी।
ऐनेस्थिसिया की ओवर डोज ने नवजात की मां को छीना
घटना राजस्थान के उदयपुर जिले के पुरा इलाके की है। पुलिस इस पूरी घटना की जांच पडताल कर रही है। दरअसल बेटे के पैदा होने के बाद नर्स और एएनएम ने मां को नसबंदी कराने की सलाह दी थी। इस दौरान ऐनेस्थिसिया की ओवर डोज देने के कारण बाद में वह होश में ही नहीं आई और नींद में ही जान चली गई। मृतका वेली बाई अपने पिहर आई हुई थी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह अपने माता पिता और भाई के पास रह रही थी।
नसबंदी के बाद हो गई महिला की मौत
जानकारी सामने आई कि पुरा इलाके में ही अस्पताल में नसबंदी कैंप लगा हुआ था। बड़गांव स्थित इस जनाना केंद्र अस्पताल में वेली बाई को एएनएम अनिता ने कहा कि अब पांच बच्चे हो गए हैं अब तो नसबंदी करा लो। अनिता मान गई और नसबंदी की प्रक्रिया बुधवार को शुरु हुई। शाम तक नसबंदी कर दी गई। लेकिन उसके बाद वेली बाई होश में नहीं आई। पता चला कि उसकी मौत हो गई। परिजनों को पता चला तो वे शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने समझाकर मामला शांत कराया। उधर इस घटना के बाद आदिवासी समाज के लोगों ने प्रदर्शन शुरु कर दिया। उनका कहना था कि एएनएम ने अपने कमीशन के लिए जबरन नसबंदी करवा दी। जिससे पांच बच्चों की मां की जान चली गई। इस मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। वेली बाई का पति मजदूरी का काम करता है।