
जोधपुर, राजस्थान. यह कहानी एक ऐसी बच्ची की है, जिसे उसकी मां ने लावारिश छोड़ दिया था। उस वक्त बच्ची की उम्र करीब साढ़े तीन साल की थी। अब 8 साल बाद मां को उस बेटी की याद आई। वो उसे आश्रम लेने पहुंची..तो बेटी ने मां के साथ जाने से इनकार कर दिया। बेटी का कहना था कि उसकी मां मर चुकी है। यह महिला उसकी मां नहीं हो सकती। दरअसल, बच्ची गहरे अवसाद में थी। इतने सालों में वो यह भूल चुकी थी कि उसका भी कोई परिवार रहा होगा..उसकी मां जिंदा होगी..पापा होंगे। लेकिन अब अचानक मां उसे लेने आश्रम पहुंची..वो नाराज हो गई। उसके आंसू निकल पड़े।
दूसरी शादी के लिए छोड़ी थी बेटी..
सांगरिया फांटा एरिया में रहने वाली यह महिला सोमवार को शहर के चौहाबो थाना इलाके के सेक्टर 16 स्थित लवकुश आश्रम पहुंची थी। उसने 2012 में यही अपनी बेटी छोड़ी थी। यहां आकर वो अपनी बेटी से मिली और रोने लगी। उसे अपने किए पर पश्चाताप था। वो अपनी बेटी को दुबारा अपनाना चाहती थी। उसने कहा कि वो उसकी मां है और उस पर हक बनता है। हालांकि बगैर कानूनी कार्यवाही के उसे बेटी नहीं सौंपी जा सकती थी। वहीं बेटी ने भी महिला को मां मानने से मना कर दिया। दरअसल, वो इस घटना का सदमा अब तक नहीं भूल पाई थी। आश्रम के प्रभारी राजेंद्र परिहार ने बताया कि उन्हें महिला को बेटी देने से इनकार नहीं है, लेकिन इसके लिए महिला को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) से आदेश लाना पड़ेगा। महिला तुरंत CWC पहुंची। यहां बच्ची का काउंसिलिंग की गई। इस पर बच्ची ने मां के साथ जाने से मना कर दिया।
महिला ने बताया कि उसने दूसरी शादी की थी। पति बेटी को रखना नहीं चाहता था। इसके बाद उसने बेटी को लवकुश आश्रम में छोड़ दिया था। बताते हैं कि महिला की दूसरी शादी से एक बेटी हुई। वो एक दिन हौद में गिर गई, इससे उसकी मौत हो गई। अपनी गोद सूनी होने पर उसे पहली बेटी का याद आ गई।
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