
जयपुर (राजस्थान). आजादी का महापर्व हो और जयपुर के इस कॉमन मैन के बारे में बात नहीं हो....। यह तो उचित नही है। जयपुर का यह कॉमन मैन कहने को तो कॉमन है लेकिन इसकी देख भक्ति इतनी खास है कि आप हम तो सपने में भी नहीं सोच सकते। हमारी देश भक्ति साल के दो दिन रहती है और ये आदमी पच्चीस साल से हर दिन देश भक्ति को जी रहा है। अब तो हालात ये हो गए हैं कि नाम ही तिरंगा पड़ गया है। माता पिता ने जो नाम रखा था वह नाम तो कुछेक लोग ही जानते हैं, अधिकतर लोग तो तिरंगा के नाम से ही पहचानते हैं, लोगों के मोबाइल तक में तिरंगा के नाम से नंबर सेव हैं।
घर वालों ने जो नाम रखा वह लोगों ने बदल दिया
दरअसल, जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में रहने वाले मोहम्मद शहीद कुरैशी की हम बात कर रहे हैं। निजी काम करने वाले कुरैशी अब कुरैशी नहीं होकर तिरंगा हो चुके हैं। उनका नाम अब लोग शहीद तिरंगा लोगों ने रख दिया हैं। इसके पीछे एक कहानी हैं। शहीद तिरंगा बताते हैं कि करीब पच्चीस साल पहले जब पढ़ाई किया करते थे उस सयम पंद्रह अगस्त और 26 जनवरी मनाते लोगों को देखते थे। तब मन में आता था कि क्यों न हमेशा ही तिरंगा पास हो, ऐसा कुछ किया जाए। उस समय यह सपना देखा था कि काश हर घर में तिरंगा हो कम से कम एक दिन तो उसे सब सलाम करें। आज यह सपना सीएम और पीएम की अपील के बाद ही सही पूरा हो गया है।
इतनी देशभक्ति की जब तक टोपी नहीं पहनें, घर से बाहर नहीं निकलते
शहीद तिरंगा बताते हैं कि करीब बीस साल पहले स्कूटर लिया था। उसे उसी समय रंगवा दिया। घर वालों ने पूछताछ की लेकिन बाद में वे भी मान गए। वे कहते हैं कि सफेद कुर्ता पजामा और तीन रंग का दुपट्टा यही मेरी पहचान हैं। उपर से तिरंगे की टोपी और तीन रंग में रंगा स्कूटर दिख जाए तो समझ जाएं कि मैं यहीं हूं। उनकी पहचान और पहनावा लोगों को आकर्षित करती हैं । घर में हर रोज सवेरे तिरंगा फहराया जाता है और शाम को उसे सम्मान उतारा जाता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक उनके फैन हैं।
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