पिंक सिटी जयपुर को मिली यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जगह

जयपुर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया है। राज्य सरकार ने पिछले साल इसके लिए प्रस्ताव भेजा था। जयपुर के शामिल होने के साथ यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में भारत में विरासत स्थलों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। 
 

Sushil Tiwari | Published : Jul 7, 2019 7:27 AM IST / Updated: Jul 12 2019, 04:39 PM IST

जयपुर। रंग-रंगीले राजस्थान को एक नया गौरव हासिल हुआ है। ऐतिहासिक शहर जयपुर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में जगह मिली है। अहमदाबाद के बाद जयपुर देश का दूसरा शहर बन गया है। बाकू (अजरबैजान) में 30 जून से 10 जुलाई तक यूनेस्को की विश्व धरोहर कमेटी के 43वें सत्र के बाद इसकी घोषणा की गई। यूनेस्को ने शनिवार दोपहर ट्वीट किया, ‘भारत के राजस्थान में जयपुर शहर को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिन्हित किया गया।'  यह दर्जा मिलने से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलने से लोगों को रोजगार मिलता है। हस्तशिल्प और हस्तकरघा उद्योग की भी आमदनी को भी फायदा होता है।


जयपुर के शामिल होने के साथ यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में भारत में विरासत स्थलों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। अहमदाबाद भारत का ऐसा पहला शहर है, जिसे 2017 में इस विशिष्ट सूची में जगह मिली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बधाई दी है। उन्होंने लिखा-‘जयपुर संस्कृति और शौर्य के साथ जुड़ा शहर है। मनोहर और ऊर्जावान, जयपुर का आतिथ्य दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है। खुशी है कि यूनेस्को ने इस शहर को विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिन्हित किया है।'  


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘यह बहुत गर्व की बात है कि पिंक सिटी जयपुर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। इससे राजस्थान की राजधानी का गौरव और बढ़ेगा।' 
यूनेस्को भारत कार्यालय के निदेशक एरिक फाल्ट ने कहा, ‘मैं इस सफल नामांकन के लिए भारत सरकार, राजस्थान सरकार और जयपुर शहर को तहे दिल से बधाई देता हूं।' 

 


पिछले साल अगस्त में पिंक सिटी को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित करने के लिए सरकारी की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था। आईसीओएमओएस (स्मारक और स्थल पर अंतरराष्ट्रीय परिषद) ने 2018 में शहर का निरीक्षण किया था। नामांकन के बाद बाकू में डब्ल्यूएचसी ने इस पर गौर किया और इसे यूनेस्को विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल किया।  

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