राजस्थान में एक बार फिर आंगवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जयपुर में इकट्ठा हुई करीब 15 हजार महिलाओं ने सरकार के सामने 17 मांगे रखी है। इन्हीं मांगों को लेकर कई सालों से विरोध है पर अब महिलाएं धरने पर बैठ गई है।
जयपुर( jaipur). राजस्थान में एक बार फिर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है (rajasthan news)। आंगनबाड़ी पर काम करने वाली महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार के सामने अपनी 17 मांगे रखी है (anganwadi workers protest)। इन मांगों को लेकर कई सालों से प्रदर्शन लगातार जारी है, उनका कहना है कि सरकार हमसे हर वो काम कराती है जो जान जोखिम में डालने वाला होता है। लेकिन उसके बावजूद भी ध्यान नहीं देती है। इन 17 मांगों में सबसे बड़ी मांग उनके मानदेय ( honorarium) की है मांग है जो मानदेय जो हर महीने दिया जाता है वह बहुत कम है। महिलाओं का कहना है कि मानदेय को बढ़ाकर 18 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए।
मांगों को लेकर हजारों महिलाओं ने डाला डेरा
इन सभी मांगों को लेकर आज जयपुर के सिविल लाइंस एरिया में अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ एवं भारतीय मजदूर महासंघ के बैनर के नीचे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने डेरा डाला है (women on protest)। उनका कहना है कि अब परेशान हो चुके हैं। सरकार के मंत्रियों, अफसरों सब से मिल लिए हैं लेकिन कोई बात ही सुनने को तैयार नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर ध्यान नहीं दे रही सरकार
अलवर से जयपुर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रचना ने बताया कि क्या हम इंसान नहीं है, राजस्थान में 65 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिन पर करीब पौने दो लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। इनमें से लगभग सभी महिलाएं हैं। कोरोना के दौरान हमने जान हथेली पर रखकर काम किया। हमारी कई कर्मचारी कोरोना की चपेट में आई और उनकी जान चली गई। सरकार हमें देती क्या है, बहुत कम पैसा देती है। पल्स पोलियो जैसे महा अभियान में ड्यूटी लगाने के नाम पर सिर्फ 100 रुपए रोज, यह कहां का न्याय है।
सरकार सारे काम करवा रही, नहीं मिलता उचित मेहनताना
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से सरकार हर वो काम करा लेती है जो और कोई सरकारी कर्मचारी करने को तैयार नहीं होते। लेकिन उसके बावजूद भी मेहनताना बहुत कम मिलता है। उदयपुर से जयपुर आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सरकार आंगनबाड़ी में महिलाओं का काम नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार बहुत सारे काम कराती है। अब समय आ गया है कि हम हमारी आवाज मुखर करें। कई सालों से लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है।
ये है कार्यकर्ताओं की मांगे
उनका कहना है कि हमने 17 मांगे रखी है उनमें आंगनवाड़ी कर्मियों को 5000 पेंशन, पल्स पोलियो की ड्यूटी 300 रुपए रोज, रिटायरमेंट पर 5 लाख रुपए की ग्रेच्युटी, 2019 से 2020 तक के लिए पोषाहार की राशि का भुगतान, समेत बहुत सारी मांगे हैं। सरकार इनमें से कितना मानती है यह सरकार के ऊपर डिपेंड करता है। सम्मानजनक मानदेय मिल तो परिवार का पालन पोषण भी कर सकते हैं। ड्यूटी पर आना भी जरूरी है और मानसिक तनाव भी लगातार बना रहता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से फिलहाल सरकार या प्रशासन का कोई पदाधिकारी मिलने नहीं पहुंचा है। यह धरना सवेरे से जारी है।