राजस्थान में कोरोना के बीच अब ये जानलेवा बीमारी हो गई अचानक एक्टिव, मंत्री तक इसकी चपेट में आए

राजस्थान में कोरोना के बाद अब अचानक से स्वाइन फ्लू की बीमारी फैलने लगी है। राज्य में अब तक इस बीमारी से सात मौतें हो चुकी हैं। प्रदेश के परिवहन मंत्री भी आए चपेट में, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टर की सलाह पर खुद को किया आइसोलेट।

जयपुर. राजस्थान में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले महीने तक कोरोनो के औसतन हर दिन करीब तीन सौ केस सामने आ रहे थे। अब इनकी संख्या हर दिन बढ़कर एवरेज पांच सौ तक पहुंच गई है। कोरोना की बूस्टर डोज लगवाने के लिए मारा मारी शुरु हो गई है। कोरोना संक्रमण के बीच अब प्रदेश से पुरानी और जानलेवा बीमारी फिर से सिर उठा रही है। इस बीमार की चपेट में राजस्थान सरकार के मंत्री तक आ गए हैं। मंत्री ने अपने बारे में खुद जानकारी दी है। वे आईसोलेशन में चले गए हैं। 

स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए, परिवहन मंत्री ब्रजेन्द्र ओला
कोरोना के बीच मौसम की मार अब बढ़ती जा रही है और पुराना रोग स्वाइन फ्लू फिर से एक्टिव होता जा रहा है।  अब राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला को स्वाइन फ्लू हुआ है। बीमारी के लक्षण दिखने पर जब उन्होनें जांच कराई तो जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। चिकित्सकों ने उन्हें कुछ दिनों में आईसोलेशन में रहने के लिए कहा है और साथ ही तय समय पर दवा लेने के लिए भी सलाह दी है। वे खुद के घर पर एक कमरे में आईसोलेशन पर चले गए हैं। 

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ट्वीट कर दी जानकारी
बीमारी के लक्षण दिखने पर परिवहन मंत्री ने जांच करवाई थी, जिसके बाद उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।  डॉक्टर्स ने उन्हें दवा देते हुए आइसोलेशन की सलाह दी थी, जिसके बाद मंत्री ओला एक सप्ताह के लिए होम आइसोलेशन में है। मंत्री ओला ने इसकी जानकारी खुद टृवीट कर दी है। उनके पीए सुभाष कुमार सिंह ने भी इसकी जानकारी साझा की है। ओला ने लिखा है कि उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया है और इसके सही होने तक उन्होनें खुद को आईसोलेट कर लिया है। 

 

 

130 संक्रमितों में से सात की हो गई पिछले दिनों मौत
कोरोना से अलग स्वाइन फ्लू से संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले दिनों तेजी से बढ़ी है। कुछ महीनों में ही 13 मरीज सामने आए हैं और इनमें से सात मरीजों की मौत हो चुकी है। कुछ कई दिनों से आईसोलेशन पर हैं। चिकित्सकों के रिकॉर्ड के अनुसार इस साल अब तक जयपुर शहर में करीब 90 मरीज सामने आए हैं और इनके अलावा चार की मौत हो गई है। दरअसल इस साल प्रदेश में करीब एक हजार मरीजों की जांच की गई थी। उनके सैंपल लिए गए थे और इन सैंपल के दौरान 130 मरीज पॉजिटिव आए हैं। हर महीने पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है जो चिकित्सा विभाग के लिए चिंता का सबब ना हुआ है। चिकित्सकों का कहना है कि बारिश के मौसम के बाद सर्दी जुकाम और बुखर के मरीजों की संख्या जैसी ही बढेगी स्वाइन फ्लू और ज्यादा परेशान कर सकता है।

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