गहलोत सरकार की बढ़ी मुश्किलें: कांग्रेस विधायक ने दिया इस्तीफा, कहा- जालौर की घटना से बेहद दुखी हूं

विधायक पानाचंद मेघवाल ने अपना इस्तीफा राज्य के सीएम अशोक गहलोत को भेजा है। उन्होंने इस्तीफे में कहा कि जालौर जिले में 9 साल की दलित छात्र इंद्र कुमार की मौत से मैं बेहद आहत हूं। जालौर में एक छात्र की मौत हो गई थी। 

Pawan Tiwari | Published : Aug 15, 2022 9:23 AM IST / Updated: Aug 15 2022, 03:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान के जालौर में शिक्षक द्वारा दलित छात्र की पिटाई से मौत के मामले में गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ जहां सरकार के खिलाफ विपक्ष हमलावर है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायकों ने भी मोर्चा खोल दिया है। बारां जिले के अटरू विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे की खबर से राजस्थान कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।

 

छात्र की मौत से आहत
विधायक पानाचंद मेघवाल ने अपना इस्तीफा राज्य के सीएम अशोक गहलोत को भेजा है। उन्होंने इस्तीफे में कहा कि जालौर जिले में 9 साल की दलित छात्र इंद्र कुमार की मौत से मैं बेहद आहत हूं और अपना इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी दलित और वंचित समुदाय लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं और उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं।

विधायक ने अपने इस्तीफे में सबसे पहले प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने लिखा- प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर गुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिल समानता के अधिकार का प्राधान किया था उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।

क्या है मामला
बता दें कि मामला जालौर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सराणा गांव का है। यहां तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र कुमार मेघवाल 20 जुलाई को स्कूल गया था।  उसने उस स्कूल में उस मटके से पानी से पी लिया था जो मटकी शिक्षक और सामान्य जाति के छात्र के लिए थी। इसके बाद गुस्से में शिक्षक छैल सिंह ने छात्र को बुरी तरह से पीट दिया।  उसे इतना मारा कि उसे जालौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।  वहां से उसे बड़े अस्पताल के लिए रेफर किया गया तो उसके पिता उसे गुजरात के अहमदाबाद ले गए और वहां पर अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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