अमरनाथ यात्रा की तरह है जयपुर की यह बड़ी डिग्गीपुरी की यात्रा, भक्तों को मिलता है ऐसा ट्रीटमेंट कि....पूछिए मत

Published : Aug 03, 2022, 01:41 PM IST
अमरनाथ यात्रा की तरह है जयपुर की यह बड़ी डिग्गीपुरी की यात्रा, भक्तों को मिलता है ऐसा ट्रीटमेंट कि....पूछिए मत

सार

ये है राजस्थान के जयपुर जिलें से निकलने वाली सबसे बड़ी धार्मिक पैदल यात्रा, पांच लाख भक्त आते हैं फिर भी गजब का अनुशासन देखने को मिलता है। भक्तों के पैर पकड़कर मनुहार करते हैं सेठ, छप्पन भोग खिलाते हैं, मिठाईयां उपहार में देते हैं.....

जयपुर. राजस्थान के टोंक जिलें के डिग्गीपुरी के राजा की 57वीं पदयात्रा शुरु हो गई है। पदयात्रा में शामिल होने के लिए जयपुर से भक्तों का रेला शुरु हो चुका है। जयपुर की यह सबसे बड़ी पदयात्रा है जिसमें पांच दिन के दौरान पांच लाख से भी ज्यादा लोग शामिल होते हैं। तीन साल, चार साल के बच्चों से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग पैदल यात्रा करते दिखते हैं। आज से शुरु होने वाली यह पदयात्रा रविवार को डिग्गी कल्याण जी के धाम जाकर सम्पन्न होगी। पांच दिन के दौरान यह यात्रा मुख्य घ्वज के पीछे चलते हुए 85 से 90 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगी। पुलिस को इस यात्रा को लेकर कोई खास तैयारी नहीं करनी होती, सब कुछ एक ध्वज के पीछे मैनेज होता रहता है। साथ ही वहां लगने वाले पांडालों में सेठों की भक्तों को भोजन कराने की ऐसी होड़ लगती है कि हाथ जोड़कर छप्पन भोग खिलाते हैं लोग।

अमरनाथ यात्रा से कम नहीं है जयपुर की यह धार्मिक यात्रा
जयपुर से शुरु होकर नजदीकी जिले टोंक के डिग्गी मालपुरा क्षेत्र में समाप्त होने वाली यह यात्रा अमरनाथ यात्रा से कमतर नहीं हैं। अमरनाथ यात्रा के दौरान देश भर के कई सेठों के भंडारे अमरनाथ यात्रा मार्ग पर लगाए जाते हैं। इसी तरह से डिग्गी कल्याण जी की यात्रा में भी जयपुर और टोंक समेत कई जिलों के सेठ और अन्य लोग यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों को मनुहार कर भोजन कराते हैं। जयपुर शहर से बाहर निकलने के बाद यात्रा मार्ग पर नाश्ते और भोजन के इतने भंडारे लगते हैं कि पूछिए ही मत। साथ ही ये लोग नाश्ते आदि कराने के लिए भक्तों से मनुहार करते नजर आते हैं। डिग्गी रोड पर जयपुर के रोशन लाल हर साल भंडारा लगाते हैं। उनका कहना है कि इस बार भक्तों को पूरी और छोले के साथ दो तरह की मिठाई परोसेगें । रोशन का कहना है कि डिग्गी रोड पर हर साल 100 से भी ज्यादा छोटे बड़े भंडारे लगाए जाते हैं, जिनमें कई तरह की मिठाई, छप्पन भोग समेत दर्जनों तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं।

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