
जयपुर (राजस्थान). दरअसल राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही थर्ड ग्रेड टीचर्स ने तबादलों की मांग शुरू कर दी थी। इस बारे में पहले कई बार तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी पॉलिसी मेकिंग की बात कही थी। लेकिन ट्रांसफर नही हुए। इसके बाद सरकार ने सभी विभागों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी थी। अब तबादलों पर से रोक तो हटा दी गई है। लेकिन मंत्री बीडी कल्ला ने नई पॉलिसी बनाने की बात कही है। ऐसे में इस पॉलिसी के आधार पर ट्रांसफर होने में करीब 5 से 6 महीने का समय लगेगा।
क्या कहना है शिक्षा मंत्री का..
शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला का कहना है कि थर्ड ग्रेड की काउंसलिंग और पोस्टिंग उनकी मेरिट के आधार पर की जाती है। यदि किसी शिक्षक को परेशानी है या फिर कोई दिव्यांग है तो उसकी अलग से भी लिस्ट नहीं जाती है। फिलहाल सोचा जा रहा है कि यदि कोई अपनी सीनियरिटी छोड़कर जिले में पोस्टिंग होना चाहता है तो उसको भी ध्यान में रखा जाएगा। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही पॉलिसी बनाई जाएगी।
बीच सेशन ट्रांसफर करने से, पढ़ाई होगी बाधित
शिक्षा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला का मानना है कि मौजूदा समय में सत्र शुरू हो चुका है ऐसे में यदि अब टीचर्स का तबादला किया जाता है तो स्टूडेंट्स की पढ़ाई भी बाधित होगी। ऐसे में अगले सेशन के पहले ही ट्रांसफर होना उचित है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी ट्रांसफर पॉलिसी बनाने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आते ही गोविंद सिंह डोटासरा को शिक्षा मंत्री बनाया गया जो करीब दो से ढाई साल में इसके लिए पॉलिसी नहीं बना सके। इसके बाद कुछ महीनों तक की सरकार में आपसी खींचतान चला, जिसके चलते करीब 6 महीने तक यह काम रुका हुआ रहा। ऐसे में साढ़े साल में यह ट्रांसफर पॉलिसी अभी तक नहीं बन पाई है। ट्रांसफर के लिए करीब 80 हजार से ज्यादा टीचर आवेदन कर चुके हैं।
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