वास्तव में बड़ी बहन मां के समान होती है...यह कहावत राजस्थान की इस 11 साल की नेहा से सच कर दिखाया, किया ये काम..

राजस्थान की यह स्टोरी आपको ईमोशनल कर देगी। 11 साल की नेहा ने अपना स्टैम सेल को देकर अपने 7 साल के भाई की जान बचाई। सात साल के नक्श को एप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी का ऑपरेशन किया गया। जानिए क्या है ये बीमारी और प्रभाव।

जयपुर (jaipur). कहा जाता है कि बड़ी बहन मां के सामने होती है, वह अपने छोटे भाई बहनों का मां की तरह ख्याल रखती है। ऐसा अक्सर आपने भी सुना  होगा, लेकिन इन शब्दों को महसूस करेंगे तो आपको यह दिखने लगेगा। कहावत सच होती खबर राजस्थान के जयपुर से है।  लेकिन यह सिर्फ एक खबर नहीं है, उससे कहीं ज्यादा है। यह ग्यारह साल की नेहा की सच्ची कहानी है, उसने अपने सात साल के भाई का जीवन अपना जीवन दांव पर लगाकार बचाया है। दोनो डॉक्टरों की देख रेख में हैं फिलहाल....। बड़ी बहन ने अपने छोटे भाई को स्टेम सैल दिए हैं और उसका जीवन बचाया है। बड़ी बात ये है कि यह पहला स्टैम सेल ट्रांसफर है राजस्थान के किसी भी सरकारी अस्पताल का। यह ऑपरेशन एसएमएस अस्पताल मे हुआ है। उससे भी बड़ी बात ये है कि यह पूरी तरह निशुल्क हुआ है। 

कैंसर पेशेंट भाई को अपने ब्लड से स्टैंम सैल दिए हैं बहन ने
SMS अस्पताल ट्रोमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ अनुराग धाकड़ ने बताया कि सेंटर में स्थित ब्लड बैंक में राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालयों में पहली बार रक्ताल्पता की बीमारी जो कि एप्लास्टिक एनीमिया कहलाती है के केस में स्टेम सेल प्रत्यारोपण (transplant) हुआ । साल सात के नक्श को उसकी बड़ी बहन नेहा ने स्टैम सेल ट्रांसफर किए हैं।

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एक्सपर्ट की देखरेख में हुई मेजर सर्जरी, वो भी निः शुल्क
 मेजर सर्जरी की गई है औरइ इस सर्जरी में परिवार अलवर जिले का रहने वाला है। डॉक्टर्स ने बताया कि इस सर्जरी को करने के दौरान बीस से भी ज्यादा अलग अलग विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम मौजूद रही। कई घंटों में जाकर यह प्रक्रिया पूरी की जा सकी। डॉक्टर्स ने बताया कि निजी अस्पताल में इस इलाज के लिए करीब दस से पंद्रह लाख का खर्च आता है, लेकिन मेजर सर्जरी पूरी तरह से फ्री में की गई है।

चिरंजीवी योजना के तहत हो रहा फ्री इलाज
 जयपुर समेत राजस्थान भर में सरकार ने चिंरजीवी स्वास्थ्य योजना जारी कर रखी है। इस योजना में विशेष बीमारियों में दस से पंद्रह लाख रुपए तक का इलाज निशुल्क हो सकता है। बस आपको सरकार के बनाए नियम पूरे करने होते हैं। अब इस सर्जरी के बाद बहन और भाई को पंद्रह दिन तक डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया हैं। हाल  ही में एसएमएस अस्पताल मे स्टैम सेल यूनिट को बनाया गया है और इसमें डॉक्टरों की टीम भी नियुक्त की गई है। इस सर्जरी के बाद अब कई सर्जरी वेटिंग में चल रही है।

क्या है अप्लास्टिक एनीमिया बीमारी
अप्लास्टिक एनीमिया एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस अवस्था में आपका बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता है। इसे मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम भी कहा जाता है। इस बीमारी से ग्रसित  पेशेंट को सबसे ज्यादा थकान होती है, इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है और ब्लीडिंग नही रुकती है। अप्लास्टिक एनीमिया खून की कमी से जुड़ी बीमारी है जिसमें शरीर में रक्त कोशिकाओं का निर्माण कम हो जाता है। इस रोग के लक्षण एकाएक सामने नहीं आते हैं लेकिन अगर इस रोग को अधिक समय तक इग्‍नोर किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं और व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।

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