एक ओर गुजरात में होने वाले चुनाव पर दोनो पार्टियों ने अपनी अपनी बिसाद बिछा दी है। तो वहीं राजस्थान की राजनीति में पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट ने पारा बढ़ा दिया है। सीएम अशोक गहलोत का नाम लिए तगड़ा मैसेज बिना दे दिया, इससे पायलेट कैंप की चिंता बढ़ रही है। जानिए पूरी बात..
जयपुर. गुजरात में आगामी दिनों में होने वाले चुनावों से पहले भाजपा और कांग्रेस ने सत्ता के मोहरे बिठा दिए हैं। दोनो ही पार्टियां कुछ न कुछ नया करने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन फिलहाल कांग्रेस का पलडा भारी होता दिख रहा है। दरअसल गुजरात चुनाव में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने अशोक गहलोत को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है। उनका नाम सबसे उपर है। ऐसे में वे पिछले दिन से गुजरात के अलग अलग शहरों में सभाएं कर रहे हैं और जनता को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनके इन्ही प्रयासों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट को लेकर अब राजस्थान की राजनीति में उबाल आ रहा है।
ये सब कहा अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने
दरअसल रविवार शाम राहुल गांधी ने सीएम अशोक गहलोत के कामकाज को लेकर एक ट्वीट किया था। गुजरात में चुनाव प्रचार को लेकर ये ट्वीट था। इसमें लिखा गया था कि कांग्रेस का पक्का वादा, संविदा कर्मियों को पक्की नौकरी, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल और समय पर प्रमोशन। गौरतलब है कि ये चारों काम राजस्थान में हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने किए हैं। राहुल गांधी ने सीएम का नाम लिए बिना उनकी योजनाओं की तारीफ की और इन योजनााओं का जिक्र गुजरात चुनाव में किया है। गहलोत की योजनाओं के लिए उन्होनें सीएम गहलोत की तारीफों के पुल भी बांध दिए। गौरतलब है कि दो दिन पहले सीएम गहलोत ने गुजरात में चुनावी सभा के दौरान पेंशन, मुफ्त दवा योजना और संविदा नौकरी के वादों को लेकर अपने भाषण दिए थे। उन्होनें कहा था कि अगर जनता कांग्रेस को मौका देती है तो कांग्रेस अपने वादे पूरे करेगी।
पायलेट खेमे में बढ़ सकती है टेंशन
राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद अब पायलेट खेमे में टेंशन बढ़ सकती है। दरअसल गहलोत और पायलेट में सीएम की कुर्सी को लेकर जो विवाद चल रहा हैै। वह विवाद पिछले दिनों जयपुर में उस समय देखने को मिला था जब पर्यवेक्षक दिल्ली से जयपुर आए थे। उसके बाद विवाद दिल्ली पहुंचा। सोनिया गांधी तक ने बैठकें लीं। दोनो नेताओं को मिलने बुलाया। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव तक विवाद को टाल दिया गया। अध्यक्ष चुनने के बाद अब जल्द विवाद को निपटाने की बात की जाने लगी। इस बीच अब गुजरात चुनाव पर फोकस है। लेकिन इन सभी प्रक्रियाओं के दौरान पायलेट खेमे में लगातार टेंशन का माहौल है। अब राहुल गांधी के ट्वीट के बाद तो और ज्यादा टेंशन बढ़ना तय है।
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