राजस्थान की सियासी उठपटक के बीच चौंकाने वाली खबर, क्या ओवैसी पार्टी की होगी ग्रांड एंट्री, जानिए इसका जवाब

राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी हैं फिलहाल सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टियां है और सालों से काबिज है वहीं आप पार्टी  भी इस बार पूरा फोकस कर रही। तो वहीं औवेसी पार्टी के पास है इस खास नंबर गेम की ताकत है तो क्या वह  तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन रही है। इसका जवाब यहां है।

जयपुर. एक साल के बाद राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजस्थान में फिलहाल बीस साल से यही सीन रहा है कि एक बार भाजपा सरकार बनाती है और एक बार कांग्रेस के हाथ सत्ता आती हैं। जोड़ तोड़ करने के लिए निर्दलीय विधायकों और अन्य छोटी पार्टियों के विधायकों को काम में लिया जाता रहा है। लेकिन इस बार के चुनाव कुछ अलग होने वाले हैं। इस बार चुनाव से पहले एक अन्य राजनीतिक पार्टी राजस्थान में अपना भविष्य तलाश रही है और राजस्थान की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने की कोशिश में काम कर रही है। ये पार्टी है एआईएमआईएम.... और इस पार्टी के प्रमुख है असदुद्दीन औवेसी। औवेसी की यह पार्टी इस बार राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बड़ा दांव लगाने की तैयारी कर रही है। 

ये है औवेसी का नंबर गेम, इन्हीं जिलों को कर रहे विजिट
दरअसल औवेसी की पार्टी ने इस साल जुलाई में अपनी पैंठ बनाना शुरु कर दिया। हांलाकि इससे कई महीनों पहले से राजस्थान ईकाई काम कर रही है और जोड़ तोड़ के आंकड़े बना रही है। लेकिन औवेसी ने इस बार पहली दफा जुलाई मंे जन सभा की और बड़े समूह को संबोधित किया। पार्टी की राजस्थान ईकाई से जुड़े नेताओं का कहना है कि एक साल के दौरान एक दर्जन से भी ज्यादा बड़ी सभाएं होंगी राजस्थान में। औवेसी ने पिछले दो से तीन महीनों के दौरान जयपुर के अधिकतर इलाकों के साथ ही सीकर, झुझुनूं , नागौर समेत अन्य कुछ जिलों में सभाएं कर ली है। पार्टी से जुडे नेताओं का कहना है कि फिलहाल मुस्लिम वोटर ही टारगेट हैं। उन्हीं को साधने की कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि जयपुर समेत सीकर, जोधपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, नागौर, झुझुनूं मिलाकर प्रदेश के बीस से भी ज्यादा जिलों में मुस्लिम वोटर हैं। 

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भाजपा को चिंता नहीं, कांग्रेसी के मुस्लिम विधायकों और नेताओं की साख दांव पर 
राजनीति के धुरधंरों का कहना है कि औवेसी की दखल के बाद राजस्थान में एक ही पार्टी को डर है और वह पार्टी है कांग्रेस। भाजपा को जरा भी डर नहीं है। माना जाता रहा है कि मुस्लिम वोटर बहुत ही कम संख्या में भाजपा को वोट देते हैं। अक्सर ये ही देखा जाता है कि ये कांग्रेस के परपंरागत वोटर हैं। ऐसे में पार्टी के उन नेताओं को अपनी सीट अब दो जगहों पर बचानी होगी जो मुस्लिम नेता है। पहला बचाव भाजपा से करना होगा और दूसरा बचाव औवसी की पार्टी से करना होगा। पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि इस विधानसभा चुनाव में पचास से सत्तर तक सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ सकती है। 

जयपुर में शक्ति प्रदर्शन होगा ये 
दिवाली के बाद जयपुर के कर्बला क्षेत्र में औवसी की सभा होने जा रही है। 28 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाली इस सभा की तैयारियां शुरु कर दी गई है। इस सभा में एक लाख से भी ज्यादा मुस्लिमों को जोडने की कोशिश है जो जयपुर समेत आसपास के जिलों से जयपुर में आएंगे। आने जाने के बंदोबस्त करने समेत शहर में ठहरने तक के बंदोबस्त किए जा रहे हैं। यह राजस्थान में औवसी की सबसे बड़ी सभा होगी।

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