जयपुर से ईद पर सद्भावना भरी खबर: मुसलमानों ने सजाई हिंदू की अर्थी...अपना त्यौहार छोड़ कराया अंतिम संस्कार

नुपूर शर्मा के बयान को लेकर राजस्थान में इन दिनों कुछ लोग हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने में लगे हुए हैं। वहीं जयपुर से ईद पर  सद्भावना भरी खबर सामने आई है। मुस्लिम समाज ने धार्मिक एकता का परिचय देते हुए हिंदू की मौत के बाद उसके शव को कंधा दिया।

जयपुर. राजस्थान समेत देश भर में आज बकरीद का त्यौहार मनाया जा रहा है । इस बकरीद के त्यौहार पर देशभर के मुस्लिम समाज ने मस्जिदों में जाकर नमाज अदा की है और देश में शांति और सौहार्द्र की कामना की है।  लेकिन जयपुर में रहने वाला मुस्लिम समाज देश भर के मुस्लिम समाज से कुछ आगे निकल गया। मुस्लिम समाज ने आज ऐसी अनूठी मिसाल पेश की कि उनकी वाहवाही करने से कोई खुद को नहीं रोक सका । 

मुस्लिम समाज ने अपने त्यौहार पर हिंदू व्यक्ति की अर्थी को कंधा दिया
मुस्लिम समाज ने अपने त्यौहार को छोड़कर एक हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया उसकी अर्थी को कंधा दिया और यहां तक कि मोक्ष धाम में भी गए वहां भी काफी देर  मौजूद रहे । पूरा घटनाक्रम जयपुर के भट्टा बस्ती क्षेत्र का है।

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ईद की नमाज अदा करने के बाद अंतिम संस्कार करने पहुंचे
दरअसल भट्टा बस्ती में वार्ड नंबर 6 में शेखर पाल सिंह का एक व्यक्ति नाम का एक व्यक्ति करीब 35 साल से रह रहा था।  परिवार में दो बेटे भी हैं लेकिन दोनों शादीशुदा नहीं है।  साथ ही दोनों कोई काम धंधा भी नहीं करते हैं उनका पेट उनका पिता ही पाल रहा था।  लेकिन शेखर पाल सिंह कुछ दिन से बीमार था । आज सवेरे उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद जब आसपास रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों तक यह सूचना पहुंची तो उन्होंने ईद की नमाज अदा करने के बाद उसके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी। भट्टा बस्ती क्षेत्र से चांदपोल बाजार तक शव यात्रा निकाली गई । चांदपोल स्थित मोक्षधाम में दोपहर में शेखर पाल हरपाल सिंह का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों से किया गया।  शव यात्रा के दौरान भी काफी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे । 

हिंदू मुस्लिम भाईचारे की पेश की अनूठी मिसाल
स्थानीय निवासी मोहम्मद जुबेर ने बताया कि शेखर पाल सिंह काफी समय से हमारी कॉलोनी में रह रहे थे।  कुछ दिन से बीमार थे।  उनकी दवा पानी का बंदोबस्त लगातार किया जा रहा था।  लेकिन आज सवेरे जब उनकी मौत की सूचना आई तो दिल को धक्का लगा।  परिवार में अब दो बेटे हैं।  शेखर पाल सिंह के कोई रिश्तेदार आज नहीं आ पाए ,शायद उनके कोई रिश्तेदार ही नहीं है। कॉलोनी के लोगों ने ही पैसा जुटा कर शेखर पाल सिंह का अंतिम संस्कार किया। जुबेर ने बताया कि ईद का त्यौहार हिंदू मुस्लिम भाईचारे के त्यौहार है।  कॉलोनी के लोगों ने आज इसे सार्थक किया है, यह ईद वाकई में विशेष रही है।

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