राजस्थान के CM का पीछा नहीं छोड़ रहा रेप मामले में दिया बयान, लोकसभा की कार्यवाही 1 घंटे के लिए हुई स्थगित

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 दिन पहले रेपिस्ट के मामले में दिया था बयान। कहा था रेप के बाद फांसी की सजा हो जाने के बाद कारण बढ़ रही है, हत्या की घटनाएं। उनके इस बयान में सफाई देने के बाद भी दिल्ली में हुआ हंगामा।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 8, 2022 2:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है । राजस्थान में पिछले दिनों से लगातार जारी बवाल के बीच अब बवाल दिल्ली तक जा पहुंचा है। केन्द्र  में चल रही लोकसभा को आज 1 घंटे के लिए स्थगित करना पड़ गया।  भारी हंगामे के कारण यह सब किया गया। दरअसल विपक्ष ने गहलोत सरकार को घेरा था। 2 दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छोटी बच्चियों से रेप के मामले में एक चौंकाने वाला बयान दिया था। इस बयान के बाद मुख्यमंत्री को लगातार निंदा का सामना करना पड़ रहा था। इस बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाने की बात लिखी थी।  उनका कहना था कि जो मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है वैसा बयान मुख्यमंत्री ने नहीं दिया है ।

यह बयान दिया था मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रेप के मामले में 2 दिन पहले बयान दिया था कि अक्सर यह देखने में आता है रेप के बाद रेप के आरोपियों को फांसी की सजा दी जाती है । लेकिन इस फांसी की सजा के कारण अब रेप के बाद हत्या की वारदातें बढ़ रही है।  आरोपियों को लगता है कि अगर पीड़िता को मार दिया जाएगा तो वे बच सकते हैं।  इस तरह के बयान को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया गया और उसके बाद राजस्थान से लेकर दिल्ली तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सफाई देनी पड़ गई। 

अवैध खनन मामले का विरोध करना पड़ था विधायक को भारी
दूसरी तरफ भरतपुर में अवैध खनन को लेकर  भाजपा सांसद रंजीता कोली पर 2 साल के दौरान हुए चार हमले भी लोकसभा में छाए रहे। इन हमलों को लेकर राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं सतीश पूनिया, राजेंद्र सिंह राठौड़ समेत अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा है। उनका कहना है कि राजस्थान में माफिया राज तेजी से बढ़ता जा रहा है।

 उल्लेखनीय है कि अवैध खनन के कारण ही पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में भरतपुर में एक संत ने खुद को आग लगाकर जान दे दी थी।  जिलें में अवैध खनन के लगातार मामलों के कारण सरकार को कई बार नीचा देखना पड़ा है। पुलिसकर्मियों तक पर हमले किए गए हैं, उनकी जान तक ली गई है।

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