सौर उर्जा में पहला स्थान पाने के साथ राजस्थान सरकार ने सिक्योरिटी डिपॉजिट में दी छूट, ये है फ्यूचर प्लानिंग

सौर उर्जा की बिजली खरीदने का एग्रीमेंट करने के लिए राजस्थान  सरकार ने समय सीमा बढ़ाई साथ ही प्रोजेक्ट में सिक्योरिटी डिपॉजिट में 5 लाख प्रति मेगावाट की छूट भी दी है।
 

जयपुर. जहां देश के प्रधानमंत्री जी-20 मीटिंग में ग्रीन एनर्जी की जो बात करते है उसका असर राजस्थान में दिख रहा है। यहां के लोगो सूर्य की तेज सहने की आदत के साथ इसकी सौर उर्जा भी भा रही है। कुछ महीनों पहले तक यहां सौर उर्जा के नाम पर चुनिंदा प्रोजेक्ट थे लेकिन जब सरकार ने सौर उर्जा लगवाने की प्रक्रिया को सरल किया तो तगड़ा बूम आ गया और राजस्थान देश भर में पहले नंबर पर आ गया। वर्तमान में देश के किसी भी राज्य से सबसे ज्यादा सौर उर्जा प्रोजेक्ट राजस्थान में चल रहे हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तो मानों यह अमृत है। सौर उर्जा को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए सरकार और रियायतें दे रही है। ताकि बिजली खरीद, कोयला खरीद और अन्य झंझटों से मुक्ति पाई जा सके। सौर उर्जा को लेकर राजस्थान से अब यह खबर सामने आ रही है। 

सुरक्षा राशि में पांच लाख रुपए तक की छूट दे रही है सरकार

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दरअसल राजस्थान सरकार ने सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं। इसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग अलग प्लान बनाए गए हैं। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने एक विशेष योजना के तहत सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने वाले किसानों को राहत देना शुरू कर दिया है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष टी रविकान्त ने बताया कि कुसुम योजना कंपोनेंट.ए में किसानों की बंजर व अनुपयोगी भूमि पर राजस्थान विद्युत वितरण निगमों के 33 और 11 केवी के सब स्टेशन्स के लगभग 5 किलोमीटर के अंदर 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए पहले से पंजीकृत किसानों को छूट का लाभ मिलेगा। परियोजनाओं के लिए बिजली खरीद एग्रीमेंट करने के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की ओर से परियोजना सुरक्षा राशि 5 लाख प्रति मेगावाट में छूट प्रदान की है। इसके अलावा योजना के तहत चयनित आवेदकों के लिए बिजली खरीद एग्रीमेंट करने के लिए दस्तावेज जमा करने की तिथि को 10 जून तक बढ़ा दिया गया है।

27 परियोजनाएं चल रही हैं राजस्थान में

वर्तमान में सौर उर्जा को लेकर राजस्थान में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें 27 बडे़ प्रोजेक्ट शामिल हैं। जिससे 33 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी प्रारम्भ हो चुका है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के पदाधिकारियों का कहना है कि आरआरईसीएल (RRECL) की ओर से कई तरह की छूट के आदेश भी जारी कर दिए गए है। इससे बिजली खरीद एग्रीमेंट की प्रक्रिया को गति मिलेगी तथा प्रदेश में और अधिक परियोजनाओं की स्थापना हो सकेगी।

राजस्थान सरकार ने सौर उर्जा को लेकर 2025 तक के प्लान बनाए 

राज्य सरकार ने सौ उर्जा को लेकर आने वाले तीन सालों तक की प्लानिंग कर ली है। 2025 तक प्रदेश में 30 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य बनाया गया है। वर्तमान में प्रदेश भर के 33 जिलों में से करीब बीस डिस्ट्रिक्ट में इलेक्ट्रीसिटी सौर उर्जा की मदद से भी बन रही है। सबसे ज्यादा बिजली सीएम के गृह जिले जोधपुर से बन रही है। यहां से 3837 मेगावाट बिजली बनी हैं। रेत के धारों के लिए मशहूर जैसलमेर से 1200 मेगावाट बिजली बनी है। गंगानगर, भीलवाड़ा, पाली समेत अन्य कई जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में बिजली बनाई जा रही है। शहरों में भी बडे प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

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