कारगिल युद्ध में पैर गंवाने वाले फौजी पिता का बेटा बना IAS, गांव में पढ़ाई की और रच दिया इतिहास

पिता और फैमिली के कहने पर ही प्रीतम ने UPSC की तैयारी शुरू की। बेटे की सफलता पर पूरा परिवार और गांव खुश है। घर के बाहर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। लोग मिठाई खिलाकर खुशियां बांट रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : May 30, 2022 1:28 PM IST

सीकर : यदि एक लक्ष्य तय कर उसे ही भेदने का संकल्प लें तो सफलता मिलनी तय है। यह मंत्र है UPSC परीक्षा 2021 में 9वीं रैंक हासिल करने वाले प्रीतम चौधरी (Pritam Choudhary) का।  राजस्थान (Rajasthan ) के सीकर (Sikar) जिले के नीमकाथाना कस्बे के छोटे से गांव कोटड़ा से पढ़ाई करने वाले बेटे ने जब यूपीएससी में अपना परचम लहराया तो घर की खुशियां देखते ही बन रही हैं। प्रीतम ने IIT रोपड़ से बीटेक किया है।

कारगिल युद्ध में पिता ने गंवाया पैर
उनके पिता फौज में थे। कारगिल युद्ध में उन्होंने अपना पैर गंवा दिया था। पिता ने ही उन्हें सिविल सर्विसेज की परीक्षा में मन लगाने को कहा था। इसके बाद उन्होंने बाकी सब एग्जाम को किनारे रख, बड़े पैकेज का मोह छोड़ इसी परीक्षा में अपनी पूरी मेहनत झोंक दी और सपने को पूरा करने का संकल्प ले लिया। पहले दो प्रयासों में इंटरव्यू तक पहुंचकर भी सफलता नहीं मिली तो भी प्रीतम ने निराशा को हावी नहीं होने दिया। आखिरकार तीसरे प्रयास में टॉपर लिस्ट में अपनी जगह बनाई।

परिवार के सपने को बनाया अपना
प्रीतम साधारण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता सुभाष चंद सेना में सूबेदार रह चुके हैं। जिन्होंने करगिल में युद्ध लड़ते समय बपना बायां पैर गंवा दिया। सेवानिवृति के बाद नीमकाथाना के सीबीईओ ऑफिस में एलडीसी के पद पर नियुक्त हो गए। जबकि मां सुमित्रा देवी गृहणी है। प्रीतम ने बताया कि 2018 में इंजीनियरिंग के बाद जब वे जॉब के बारे सोच रहे थे, तभी पिता और परिजनों ने उन्हें यूपीएससी का की तैयारी करने को कहा। जिसके बाद उन्होंने परिवार के सपने को ही पूरा करने की जिद ठान ली और जुनून के साथ उसी में जुट गए।

गांव से शुरू की पढ़ाई, ठुकराई नौकरी
12 दिसंबर 1997 को जन्मे प्रीतम ने कक्षा चार तक की पढ़ाई गांव की ही निजी बालाजी स्कूल में की। इसके बाद छठीं तक की पढ़ाई नीमकाथाना की सेम स्कूल से करने के बाद 7 से 12वीं तक की पढ़ाई कोटपूतली की द राजस्थान स्कूल से पूरी की। 2014 में आईआईटी में चयन  होने पर प्रीतम ने इलेक्ट्रिकल्स में इंजीनियरिंग की। प्रीतम ने बताया कि आईआईटी के बाद उन्हें निजी कंपनी में जॉब का ऑफर भी मिला। लेकिन, इंटरव्यू से पहले ही उन्होंने अपना मन बदल लिया। प्रीतम के अनुसार 2020 में कोरोना के कारण उन्हें बीच में गांव आना पड़ा। लेकिन यहां पढ़ाई में बाधा आई तो करीब डेढ साल तक कमरा किराये पर लेकर भी तैयारी की।

इसे भी पढ़ें
UPSC रिजल्ट में दिखा बिहार का जलवा : मजदूर का बेटा बना IAS, पिता की मौत के बाद कर्ज में डूब गया था परिवार

कांग्रेस नेता की बेटी ने पास की देश की सबसे बड़ी परीक्षा, UPSC में हासिल की 45वीं रैंक


 

Share this article
click me!