चुनाव हारने वाली मंत्री की बेटी निहारिका को दूसरा सबसे बड़ा झटका लगा, NSUI ने 6 साल के लिए किया सस्पेंड

राजस्थान में हुए छात्रसंघ चुनाव के रिजल्ट जारी हो चुके है। वहीं सबसे चर्चित राजस्थान यूनिवर्सिटी के परिणाम हैरान करनेवाले रहे। यहां निर्दलीय निर्मल चौधरी ने मंत्री बेटी निहारिका को हरा दिया। इसके बाद उनको एनएसयूआई ने संगठन से 6 साल के लिए निकाल दिया।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 27, 2022 11:53 AM IST

 जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्यक्ष पद का चुनाव हारने वाली निहारिका मीणा को चुनाव हारने के अलावा उससे भी बड़ा झटका लगा है।  निहारिका मीणा समेत 6 छात्र नेताओं को एनएसयूआई छात्र संगठन ने 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है । निहारिका समेत इन 6 छात्रों ने बागी होकर एवं संगठन की गाइडलाइन को फॉलो नहीं करते हुए चुनाव लड़ा था।  साथ ही संगठन के नेताओं एवं प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ कड़वे वचन बोले थे। 

NSUI ने दिखाया बाहर का रास्ता
एनएसयूआई के राजस्थान प्रभारी गुरजोत संधू ने निहारिका समेत सभी छात्र नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया है। गुरजोत संधू ने निहारिका के अलावा प्रताप भानु मीणा, आलोक शर्मा ,सुंदर बैराड़ और अशोक भूरिया के समेत एक अन्य छात्र नेता को बाहर निकाल दिया है। संधू का कहना है कि संगठन से ऊपर कोई नहीं है।  संगठन के खिलाफ जाने वाले का संगठन के पास यही जवाब है। 

टिकट नहीं मिलने से हुई बागी
उल्लेखनीय है कि एनएसयूआई से जुड़ी छात्र नेता निहारिका मीणा एनएसयूआई से अध्यक्ष पद के लिए टिकट मांग रही थी, उसका टिकट लगभग तय हो गया था।  लेकिन ऐन वक्त पर महारानी कॉलेज से जीती हुई रितु बराला ने निहारिका का टिकट काट दिया। एनएसयूआई ने रितु बराला को टिकट दिया। रितु को टिकट मिलते ही निहारिका बागी हो गई और उसने एनएसयूआई संगठन के नेताओं समेत प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष तक को आड़े हाथों ले लिया। 

सस्पेंड होने के बाद और सदमे में
उसने अपने बयानों में कहा कि क्योंकि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जाट नेता हैं इसलिए उन्होंने जाट को ही टिकट दिया है। उधर निहारिका की हार के बाद जब निहारिका के पास पार्टी से पार्टी संगठन से हटाए जाने की सूचना पहुंची तो वह और ज्यादा सदमे में आ गई है। निहारिका ने 3 दिन पहले जिस निर्दलीय प्रत्याशी प्रताप भानु मीणा के पैर पकड़े थे, वह भी भारी मतों से हार गया है उसकी जमानत जप्त हो गई है।

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