इंटेलिजेंस ने जयपुर के विराट नगर के रहने वाले कुलदीप और भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल को पकड़ा है। गिरफ्तार हुए युवकों में एक आरोपी जयपुर और एक पाली का रहने वाला है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके गांव में दबिश देकर पकड़ा है।
जयपुर. राजस्थान में आजादी के जश्न से 1 दिन पहले इंटेलिजेंस ने बड़ी कार्रवाई की है। इंटेलिजेंस ने दो राजस्थानी युवकों को गिरफ्तार किया है। जो पाकिस्तान के जासूसी ग्रुप ISI के एजेंट थे। गिरफ्तार हुए युवकों में एक आरोपी जयपुर और एक पाली का रहने वाला है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को उनके गांव में दबिश देकर पकड़ा है। जिनसे इंटेलिजेंस पूछताछ में जुटी हुई है। इंटेलिजेंस अब दोनों आरोपियों के बैंक अकाउंट खंगालने में लगी हुई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी इंटेलिजेंस ने राजस्थान में ISI के एजेंट को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने पूछताछ में अपने दो साथियों का नाम बताया। इसके आधार पर इंटेलिजेंस ने जयपुर के विराट नगर के रहने वाले कुलदीप और भीलवाड़ा निवासी नारायण लाल को पकड़ा है। आरोपी कुलदीप पाली में शराब ठेके पर सेल्समैन का काम करता है। अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि नारायण लाल पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों के संपर्क में था। जिसने पैसों के लालच में आकर पाकिस्तानी अफसरों के कहने पर कई सिम कार्ड खरीदे। जिनसे पाकिस्तानी अफसरों को भारतीय सेना से संबंधित गोपनीय सूचनाएं भेजी जा रही थी।
महिला बनकर करता था बात
वहीं, आरोपी कुलदीप जो पाली में शराब ठेके पर सेल्समैन का काम करता है। वह पाकिस्तान की एक लेडी ऑफिसर के संपर्क में था। जिसने इस महिला अफसर के कहने पर ही छ्दम नाम से एक फेक अकाउंट बनाया हुआ था। महिला के नाम से बने इस फेक अकाउंट से कुलदीप सेना के जवानों से दोस्ती कर उनसे बात करता और गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई को भेजता था। जिसके बदले उसे मोटे पैसे मिलते थे।
फिलहाल इंटेलिजेंस के अधिकारी अब दोनों आरोपियों के बैंक अकाउंट खंगालने में लगे हुए हैं। जिससे यह पता चल सके कि आरोपियों के पास पैसा कहां कहां से आया था और यह पैसा किसने भेजा हुआ है। दोनों के बैंक अकाउंट में आने वाली यह राशि बैंक अकाउंट में यूपीआई के जरिए आती थी। आईएसआई के अधिकारी हमेशा राजस्थान के बॉर्डर के इलाकों जैसे बाड़मेर जोधपुर और जैसलमेर के कई युवाओं को पैसों के लालच में अपने साथ फंसा लेते हैं। जो इन युवकों से महिलाओं के नाम पर फेक अकाउंट बनवा लेते हैं। इसके बाद उन्हें टास्क दिया जाता है कि वह सेना के जवानों को अपने जाल में मीठी मीठी बातें करके फसाए। इसके बाद उनसे सेना की गोपनीय जानकारी। हथियारों की तस्वीर भेजते रहें। माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय से आई एस आई पूरी जानकारी पाकिस्तानी सेना को दे रही थी। जो आजादी के 75 साल में भारत में कोई बड़ी नापाक हरकत करने की कोशिश में थी।
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