राज्यसभा चुनाव का रोमांच : राजस्थान में वोटिंग से पहले एक और ट्विस्ट, RLP के 'बोतल' में फंसी AAP की 'झाड़ू'

RLP नेताओं के थाने पहुंचने के बाद देर रात विन मिश्रा ने एक और ट्वीट कर पूछा कि आखिर यह मुकदमा किस पैसे से लड़ा जाएगा। विधायक बेचकर जो 40 करोड़ मिले थे उससे या फिर दोबारा विधायक बेचने की तैयारी है। उन्होंने RLP को भाजपा की बी टीम बताया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 9, 2022 4:15 AM IST

जयपुर : राजस्थान (Rajasthan) में राज्यसभा (Rajya Sabha Elections 2022) का रोमांच दिन नजदीक आने के साथ बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को होने वाली वोटिंग से पहले एक और सियासी ड्रामा हो रहा है। एसीबी, एटीएस, ईडी, चुनाव आयोग के बाद अब चुनाव से पहले लोकल पुलिस की भी एंट्री हो चुकी है। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। बोतल में झाडू फंसने की खबर सोशल मीडिया पर भी फैलने लगी है। दरअसल आप का चुनाव चिन्ह झाडू हैं और RLP का चुनाव चिन्ह बोतल है। आरएलपी के नेता आप के नेताओं के खिलाफ थाने पहुंच गए हैं।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के राजस्थान प्रभारी विनय मिश्रा ने राज्यसभा चुनाव को लेकर ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव में तीन विधायक 40 करोड रुपए ले रहे हैं और उसके बाद ही वो वोट करेंगे। मिश्रा ने किसी का नाम नहीं लेते हुए ये ट्वीट किया था। उसके बाद जब मीडिया ने उन विधायकों का नाम जानना चाहा तो मिश्रा ने कहा कि उनके पास सबूत हैं और इसकी उच्च स्तर से जांच करा रहे हैं। उसके बाद ही सब कुछ मीडिया के सामने लाएंगे। लेकिन ये बयान देने के बाद वे फंस गए। 

थाने पहुंच गए RLP नेता
आप नेता के बयान के बाद अब उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की तैयारी है। शिकायत लेकर आरएलपी नेता जयपुर पहुंचे हैं। चुनाव से पहले यह मामला तूल पकड़ चुका है। आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल आरएलपी से विधायक हैं। उनके साथ दो अन्य MLA भी हैं। इस मामले में आरएलपी के प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल, मेड़ता विधायक इंदिरा देवी ने जयपुर के जालूपुरा थाने में शिकायत दी है। विनय मिश्रा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाने के लिए यह शिकायत दी गई है। एसएचओ ने शिकायत ले ली है। हालांकि अभी केस दर्ज नहीं किया गया हैं। एसएचओ ने इस बारे में अपने उच्च अफसरों को जानकारी दे दी है। यहां से यह जानकारी सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) तक भेजी जा रही है। वहां से ग्रीन सिग्नल मिलते ही केस दर्ज किया जा सकता है।

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