कितनी है देश की सबसे खूबसूरत महारानी गायत्री देवी की संपत्ति, कौन असली वारिस-किसे मिलेगी दौलत

अपने समय में विश्व की टॉप-10 सबसे खूबसूरत महिलाओं में शामिल रही जयपुर की राजमाता गायत्री देवी की हजारों करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 21, 2022 8:29 AM IST / Updated: Nov 21 2022, 04:53 PM IST

जयपुर. दुनिया की दस खूबसूरत मे महिलाओं में शुमार थीं वो.... लंदन में पैदा हुईं, वहीं पली बढ़ीं और उसके बाद जयपुर की राजमाता बनीं। कई उतार चढ़ाव देखे, पति की मौत झेली, पोलो, शिकार, अंग्रेजों से लड़ाई और फिर अब सम्पत्ति का विवाद...। हम बात कर रहे हैं जयपुर की राजमाता कही जाने वाली पूर्व महारानी गायत्री देवी की...। वो फिर से इसलिए चर्चा मे हैं क्योंकि उनकी सम्पत्ति को लेकर विवाद सामने आया है। परिवार के ही लोग एक दूसरे पर केस ठोक रहे हैं। इनमें से एक केस के बारे में हाल ही में कोर्ट ने अपना फैसला जाहिर किया है। बताया जा रहा कि चार से पांच केस और चल रहे हैं। उनमें भी फैसले जल्द ही आने को हैं.....। 

आपको बताते हैं कि आखिर राजमाता कितनी अकूत दौलत की मालकीन थीं
बताया जाता है कि वैसे तो जयपुर जिले में ही कई जगहों पर राजमाता की प्रॉपर्टी है जो कि पचास हजार करोड़ से भी ज्यादा की होना संभव है। उन पर अब उनके बेटों और उनके बच्चों के अधिकार है। लेकिन जो सबसे बड़ा सम्पत्ति विवाद है वह पंद्रह हजार करोड़ की सम्पत्ति को लेकर है। इनमें पहली प्रॉपर्टी देश दुनिया में ख्याती प्राप्त होटल रामबाग पैसेल और रिसोर्ट हैं। दूसरी सम्पत्ति है वह है जयमहल पैलेस.... दोनो करीब पंद्रह हजार करोड़ से भी ज्यादा की हैं। इस सम्पत्ति को लेकर ही सीधे तौर पर परिवार के दो पक्षों में केस चल रहे हैं। 

रामबाग पैसेस जैसे बड़े होटल संपत्ति में शामिल
यह भी बताया जा रहा है कि इसी सम्पत्ति को लेकर कुछ साल पहले जय सिंह और पृथ्वी सिंह जो कि महारानी के सौतले बेटे थे इन दोनो पक्षों से समझौता हो गया था। चूंकि पृथ्वी सिंह की मौत हो चुकी है और उनकी जगह उनके बेटे विजित सिंह और महारानी के पोता पोती लालित्या एवं देवराज के बीच समझौता हुआ था। समझौता था कि रामबाग पैसेस विजित सिंह और जयसिंह देखेंगे और जयमहल पैसेल और होटल लालित्या एवं देवराज रखेंगे। लेकिन फिर भी विवाद समाप्त नहीं हुआ। हाल ही में जयपुर की अपर जिला कोर्ट  ने इनमें से एक केस में फैसला दिया है कि जिस वसीयत को विजित सिंह ने अवैध घोषित करने की मांग की है वह अवैध नहीं है। इस पर उनके पोता पोती काबिज हैं और वे हर तरह का फैसला ले सकते हैं। इस मामले को अब अपोजित पक्ष उपरी अदालत में जाने की तैयारी में जुट गया है।

Share this article
click me!