राजस्थान में मंत्री बेटी निहारिका जोरवाल का लगभग तय टिकिट काटकर एनएसयूआई ने रितु बराला को दिया है। जिसके बाद ही प्रदेश में बवाल हो रहा है। अब शुक्रवार 19 अगस्त के दिन जन्माष्टमी के अवसर में इतनी भीड़ लेकर आई जितनी MLA भी नहीं ला पाते। यह देख एक बार एनएसयूआई के भी पसीने छूट गए।
जयपुर. राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजस्थान के सबसे चर्चित राजस्थान विश्वविद्यालय में भी एबीवीपी और एनएसयूआई दोनो ही छात्र संगठनों ने टिकिट बांट दिए हैं। एनएसयूआई के टिकिट को लेकर पूरा जोर लगा रही निहारिका जोरवाल का टिकिट कटा तो उसने एनएसयूआई को चुनौती दे दी कि वह निर्दलीय लडेगी। कल दोपहर तक तो सब सही चलता रहा, एनएसयूआई इसे सिर्फ धमकी ही मानती रही, लेकिन शाम को जयपुर में निहारिका इतनी भीड़ जुटा लाई कि एमएलए, एमपी तक इतनी भीड़ नहीं जुटा पाते। जयपुर के महेश नगर इलाके में एक कार्यक्रम के दौरान निहारिका के साथ मीणा समाज के कई नेता भी मौजूद रहे। निहारिका मीणा ने कहा कि मेरा टिकिट एनएसयूआई से फाइनल था। इसी दिन के लिए कई सालों से मैं मेहनत कर रही थी। मेहनत के परिणाक का दिन आया तो आपके हाथों से सब कुछ चला गया। लेकिन मैं और मेरे साथी शांत नहीं बैठने वाले हैंें। हम तैयारी कर रहे हैं। निर्दलीय जीतकर दिखाएंगे इस बार। निहारिका मीणा उर्फ जोरवाल ने महेश नगर में कृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम में दही हांडी फोड कार्यक्रम आयोजित किया था। उसमें इतनी भीड़ पहुंची कि पैर रखने तक की जगह नहीं बची।
निर्दलीय भा रहे हैं कुछ सालों से राजस्थान विश्व विद्यालय को
राजस्थान विश्व विद्यालय को पिछले कुछ सालों से निर्दलीय भा रहे हैं। दो साल कोरोना के कारण छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए और उससे पहले दो बार लगातार निर्दलीय उम्मीदवारों ने अध्यक्ष पद अपने नाम किया। एनएसयूआई और एबीवीपी से टिकिट नहीं मिलने के कारण से बागी हुए और जीत दर्ज की। लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय में पिछले कुछ सालों में इतनी भीड़ नहीं रही जितनी दो दिन में निहारिका जोरवाल ले आई है।
सबसे चर्चित रहने वाले राजस्थान विश्वविद्यालय के चुनाव सबकी नजर में रहते हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय से ही चुनाव जीतने के बाद कई छात्र नेता कैबिनेट मिनिस्टर और सांसद तक बन चुके हैं। उल्लेखनीय है कि दौसा से मंत्री मुरारीालाल मीणा के बेटी निहारिका का टिकिट काटकर किसान की बेटी रितु बराला को टिकिट दिया गया हैं।