9 साल के बेटे ने दी शहीद को मुखाग्नि: मां अंतिम यात्रा में भी करती रही दुलार, पति को देख बेहोश हुए पत्नी

शहीद का पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंचा अपने पति को देखकर पत्नी तारामणि बेहोश हो गई। दोनों बेटियों ने पिता को इस हाल में देखा तो उनके भी सब्र का बांध टूट पड़ा। राजेन्द्र जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए आंतकी हमले में शहीद हो गए थे। 

Pawan Tiwari | Published : Aug 13, 2022 9:53 AM IST

झुंझुनूं. कश्मीर के राजौरी में हुए आंतकी हमले में राजस्थान के बेटे शहीद सूबेदार राजेन्द्र प्रसाद का शनिवार को अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ हुआ। शहीद को उनके 9 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। नाबालिग बेटे को मुखाग्नि देता देख मौके पर मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। इससे पहले जब शहीद का शव घर पहुंचा तो घर में मातम पसर गया। तिरंगे में लिपटे शव को देखकऱ पूरे गांव में केवल चीखें ही सुनाई दे रहीं थी। 

पति को तिरंगे में देख बेहोश हो गई पत्नी
शहीद का पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंचा अपने पति को देखकर पत्नी तारामणि बेहोश हो गई। दोनों बेटियों ने पिता को इस हाल में देखा तो उनके भी सब्र का बांध टूट पड़ा और और जोर-जोर से रोनें लगीं। वहां मौजूद परिजनों ने उन्हें संभाला। मौके के मौजूद ग्रामीण भी शहीद के अंतिम दर्शन के लिए शहीद के घर पहुंचे। 

Latest Videos

हाथों में तिरंगा लेकर पिता किए पिता के अंतिम दर्शन
शहीद राजेंद्र प्रसाद के तीनों बच्चों अपने पिता के अंतिम दर्शन के लिए हाथों में तिरंगा लेकर पहुंचे। पहले उन तीनों ने तिरंगे को अपने सीने पर लगाया और फिर अपने पिता के अंतिम दर्शन कर उन्हें प्रणाम किए। पत्नी को परिवार वालों ने संभालते हुए शहीद पति के अंतिम दर्शन करवाए। इस दौरान वो अचेत अवस्था में थी। 

बेटे को निहारती रह गई वृद्ध मां
शहीद राजेन्द्र प्रसाद के माता-पिता को जब बेटे के शहीद होने की जानकारी मिली तो उनके आंसू नहीं रूक रहे थे। आखिरी बार जब मां अपने बेटे के अंतिम दर्शन के लिए पहुंची तो बेटे को गौर से निहारा और शहीद को दुलार करते हुए बेटे को अंतिम यात्रा के लिए विदा किया। राजेंद्र का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव मालीगांव में हुआ।

छोटी बेटी की होने वाली थी शादी
राजेंद्र की बेटी प्रिया की सगाई हो चुकी थी। नवंबर में वह अपनी बेटी की शादी में छुट्टी लेकर आने वाले थे। शादी के लिए घर के रिनोवेशन का काम भी चल रहा था। लेकिन इससे पहले ही अब जवान की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटकर उनके घर पहुंची। परिजनों को गुरुवार को ही सूचना मिल गई थी कि राजेंद्र शहीद हो चुके हैं। ऐसे में 2 दिन से राजेंद्र के घर में चूल्हा तक भी नहीं जला।

दोस्त ने निभाया 23 साल पुराना वादा
राजेंद्र और उनके गांव के मनोज, राजवीर सिंह और कमलेश चारों ने एक साथ कारगिल का युद्ध लड़ा था। उस दौरान सभी ने वादा किया था कि अगर हम में से कोई शहीद हो जाता है तो हम सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं इसलिए पार्थिक शरीर लेकर कोई एक जाएगा। इस घटना के बाद आज 23 साल बाद जवान राजेंद्र शहीद हुए हैं। जिनमें से उनका दोस्त राजवीर पार्थिव देह को अपने साथ लेकर आया। राजेंद्र 21 साल की उम्र में सेना में भर्ती हो गए थे। उनके पिता बदरू भी सेना से रिटायर थे। राजेंद्र को बचपन से ही सेना में जाने की इच्छा थी। वह इसके लिए हर सेना भर्ती रैली में शामिल भी होते। सेना में शामिल होने से 2 साल पहले ही राजेंद्र की शादी हो गई थी।

 इसे भी पढ़ें-  कश्मीर में जवान शहीद: बेटी की शादी की तैयारी के बीच अब फूलों से बने रास्ते से निकालेगी पिता की अंतिम यात्रा

Share this article
click me!

Latest Videos

Nasrallah की मौत पर राहुल गांधी से लेकर महबूबा मुफ्ती तक सब को सुना गए हिमंता बिस्वा सरमा, पूछा सवाल
Israel Hezbollah War: कौन है Nasrallah ? जिसकी Death खबर पढ़ते ही रोने लगी Lebanon एंकर । Viral
दिल्ली की सड़कों पर उतरेंगे मंत्री, CM Atishi ने दिया नया टारगेट । Delhi News । Arvind Kejriwal
जन्म-जयंती पर शत-शत नमनः भगत सिंह को लेकर PM मोदी ने क्या कुछ कहा...
Israel Hezbollah War: Nasrallah की मौत पर सीरिया में कुछ जगह क्यों मनाया जा रहा जश्न?