राजस्थान के जोधपुर में स्टूडेंट का ऐसा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला जहां वे अपनी किसी मांग की बजाए पीटी टीचर को निलंबित और अरेस्ट करने के विरोध में उतरे थे। स्कूली बच्चों के इस विरोध के चलते टीचिंग स्टॉफ को भी छुट्टी लेनी पड़ी। विरोध प्रदर्शन देर शाम तक चला।
जोधपुर. आमतौर पर स्कूल में बच्चों को टीचर से नाराज होकर या अपनी किन्ही मांगों को लेकर विरोध जताते हुए देखा जाता है। लेकिन आज यानि बुधवार के दिन जोधपुर में एक ऐसा मामला सामने आया जहां टीचर के निलंबित और गिरफ्तार होने के विरोध में क्लास में पढ़ रहे छात्र छात्राओं ने स्कूल के बाहर जाम लगा दिया। जाम शाम तक लगा रहा। वही स्कूल स्टाफ को भी छुट्टी करनी पड़ गई। दरअसल स्कूल के एक पीटीआई को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। मामले में टीचर के खिलाफ स्कूल की ही करीब एक दर्जन छात्राओं ने छेड़छाड़ करने और अश्लील मैसेज भेजने का मुकदमा दर्ज करवाया था। आज धरने पर बैठे स्टूडेंट्स का कहना था कि स्कूल के कॉन्ट्रैक्ट पर लगे एक टीचर ने इस पूरी साजिश को अंजाम दिया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
जोधपुर केंद्रीय विद्यालय का मामला
दरअसल जोधपुर के केंद्रीय विद्यालय की 11वीं और 12वीं क्लास एक दर्जन छात्राओं ने स्कूल के पीटीआई नरेंद्र गहलोत के खिलाफ शिकायत दी थी कि वह उन्हें फोन पर अश्लील मैसेज भेजता है। इसके साथ ही स्कूल में भी उनके साथ छेड़खानी करता है। मामले में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने उसे निलंबित किया और इसके बाद पाली भेज दिया। जैसे ही आरोपी टीचर पाली पहुंचा। वहां उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जब इस बात की सूचना स्कूल में लगी तो करीब 300 से 400 स्टूडेंट्स सड़क पर आकर बैठ गए। जिनका कहना था कि इस मामले में राजनीति हुई है। स्कूल की कुछ छात्राओं को बहकावे में लेकर पीटीआई पर यह आरोप लगाए गए हैं।
स्टूडेंट ने कहीं यह बात
धरने पर बैठे छात्रों का कहना था कि पीटीआई नरेंद्र गहलोत सख्त मिजाज के आदमी है। जिन्होंने शिकायत करने वाली लड़कियों को किसी बात पर टीचर ने डांट दिया था। इसके बाद से ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर लगे एक टीचर ने इन छात्राओं को अपने झांसे में ले लिया। इसके बाद साजिश रचते हुए टीचर पर यह आरोप लगाया गया है। फिलहाल अभी जोधपुर की रातानाडा पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। वहीं केंद्रीय विद्यालय संगठन भी मामले की अपने स्तर पर जांच करवा रहा है।