
जोधपुर. हरिके बैराज से इंदिरा गांधी नहर में बीती रात को पानी छोड़ दिया गया है। इस पानी को जोधपुर आने में सात से आठ दिन लगेंगे। करीब आठ सौ किमी की दूरी तय होगी। इस बीच कई जगह पर पानी को लिफ्ट किया जाता है। 2 जून को जोधपुर पानी पहुंच जाएगा। लेकिन इसके बाद भी तीन दिन लगेंगे जलाशय में पानी स्टोर होने में तब तक शहर में पानी 72 घंटे के अंतराल से ही आपूर्ति होगा। लेकिन राहत की बात यह होगी जून के पहले सप्ताह के बाद जल संकट पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। फिलहाल जिला प्रशासन जिले व शहर के आस पास के ट्यूबवैल से टेंकरों से जलापूर्ति करवा रहा है। जिससे करीब दस दिन का समय निकाला जा सके। जोधपुर को जोडने वाले ओपन कैनाल भी पूरी तरह सूख चुकी है। और पानी के बेवजह के रिसाव को रोकने के लिए रिपेयर का काम चल रहा है। ईटीवी भारत ने कैनाल पर जाकर इसका जायजा लिया जहां मरम्मत का काम चल रहा है।
इस तरह पानी पहुंचता है नहर से जोधपुर तक
जोधपुर शहर के लिए इंदिरा गांधी नहर से पानी पहुंचाने के लिए जैसलमेर व जोधपुर के छोर स्थित मदासर लिफ्ट प्वाइंट से राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल से पानी आता है। सोमवार रात छोडे गए पानी के शनिवार तक मदासर पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद वहां से जोधपुर आएगा। जोधपुर के कायलाना व तख्तसागर रिजर्ववायर में पानी पहुंचने से पहले नारवा गांव से पाईपलाइन से लाया जाता है। यह पाईपलाइन कैरू गांव के बाहर तक आती है। इसके बाद लिफ्ट कैनाल का ओपन हिस्सा बना हुआ है जिससे होता हुअ हाथी नहर से रिजर्ववायर तक पहुंचता है। हाथी नहर पठार को काट कर बनाई गई है। इसिलिए इस हिस्से में कभी मरम्मत की जरूरत नहीं होती है। लेकिन इससे पहले और पाईपाइप लाइन के मुहाने तक बनाई गई ओपन कैनाल भी पूरी तरह से सूख गई है। जिसमें फिलहाल मरम्मत का काम चल रहा है। जिससे पानी आने पर किसी तरह का रिसाव नहीं हो।
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