मकर सक्रांति पर राजस्थान में अनोखा जश्न: विदेश छोड़ पीहर आईं 1 हजार बेटियां, पढ़िए चौंकाने वाला मामला

 राजस्थान में मकर संक्रांति का पर्व शनिवार को पूरे धूमधाम के साथ मनाया गया। लोग सुबह से ही अपनी छतों पर चढ़कर पतंग उड़ा रहे हैं।बाड़मेर में हो रहे खास आयोजन में शामिल होने के लिए एक ही गांव की करीब एक हजार से ज्यादा बेटियां जो दूसरे प्रदेशों और विदेशों से यहां पहुची।

Arvind Raghuwanshi | Published : Jan 15, 2023 11:32 AM IST

जयपुर. मकर सक्रांति के पर्व पर परंपराओं और रीति-रिवाजों की धरती कहे जाने वाले राजस्थान में कई आयोजन हुए जाते हैं। लेकिन राजस्थान में हो रहे एक आयोजन में खासी सुर्खियां बटोरी है। दरअसल यह आयोजन इसलिए खास है क्योंकि इस आयोजन के लिए एक ही गांव की करीब एक हजार से ज्यादा बेटियां जो दूसरे प्रदेशों और विदेशों में ब्याही हुई थी। वह भी अपने पीहर पहुंची। बाड़मेर जिले की पचपदरा में हुए इस आयोजन को नाम दिया गया बाबुल की गलियां।

दुल्हन से लेकर 90 साल की बुजुर्ग महिला तक शामिल
इस आयोजन में नवविवाहिता से लेकर 90 साल की बुजुर्ग बेटी तक शामिल थी। जो कई सालों से अपने पीहर नहीं आई थी। गांव में जब इतनी सारी बेटियां साथ ही तो गांव में इन बेटियों की एक शोभायात्रा निकाली गई। 5 किलोमीटर की यात्रा में सभी बेटियां शामिल हुई। जगह-जगह इन बेटियों के भाई और भाभी ने इनका फूलों और अन्य कई तरीकों से स्वागत भी किया। वही बेटियों ने भी इस मौके पर एक अनोखी पहल की है। बेटियों ने कॉन्ट्रिब्यूशन करके अपने गांव में एक पक्षी घर बनवाया है। करीब 80 फीट के पक्षी घर में एक बार में सैकड़ों पक्षी बैठकर दाना चुग सकेंगे। बर्ड हाउस की कीमत करीब सात लाख रुपए आई है।

दो बहनों के आईडिया पर विदेश से आईं राजस्थान की बेटियां
दरअसल इस महाआयोजन की शुरुआत बाड़मेर की ही रहने वाली दो बहनों ममता और भावना के आइडिया पर हुई। उन्होंने सभी को जोड़ने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। गांव की सभी बेटियां एक एक कर इस आयोजन के लिए जुड़ गई। जिसके बाद यह महा आयोजन हुआ है। वही इस आयोजन में गांव के भी करीब 300 युवाओं ने व्यवस्था संभाली रखी।

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