19 साल पहले अपराध कर कोटा से इंदौर भागा बदमाश मैकेनिक बन गया पुलिस को पता चला तो गाड़ी ठीक कराने पहुंची और धर लिया। पकड़ने से बचने के लिए हर 6 महीने में बदल देता था मकान।
कोटा. जिले के भीमगंज मंडी थाने में दर्ज चेक लाखों रुपयों के चेक बाउंस के 7 मामलों में 19 साल से वांटेड स्थाई वारंटी रविंद्र सिंह खंडूजा (53) को थाना पुलिस ने साइबर सेल के सहयग से मध्य प्रदेश में इंदौर जिले के एचआईजी कॉलोनी से गिरफ्तार किया है। जहां आरोपी नाम बदलकर किराए के मकान में रह रहा था। आरोपी की गिरफ्तारी पर 5000 रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
क्या था मामला
शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि रविंद्र सिंह खंडूजा साल 2003 तक कोटा के स्टेशन रोड राम मंदिर के सामने ऑटो रिपेयर की दुकान करता था। दुकान में पुरानी मोटरसाइकिले खरीदने-बेचने के साथ रिपेयरिंग का काम किया जाता था। साल 2003 में मोटरसाइकिल खरीदने के लिए चेक देकर पहचान वालों व आसपास के लोगों से काफी पैसे उधार ले लिए ओर रुपए लेकर आरोपी कोटा से फरार हो गया। जब उसके दिए गये चेक बाउंस हो गए तब आरोपी के खिलाफ सात अलग-अलग मुकदमे एन आई एक्ट में दर्ज किए गए।
बनाई स्पेशल टीम
एसपी शेखावत ने बताया कि फरार होने के बाद आरोपी ने कोटा से अपना संपर्क पूरी तरह से कट कर लिया और इतने सालों से किसी से भी संपर्क नहीं बनाया। थाना पुलिस लगातार आरोपी की तलाश कर रही थी। 19 साल बाद आरोपी के इंदौर में छुपे होने की जानकारी मिली। जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन एवं सीओ कालूराम वर्मा के निर्देशन तथा थाना अधिकारी लक्ष्मी चंद वर्मा के नेतृत्व में थाना भीमगंज मंडी से स्पेशल टीम गठित की गई।
इस तरह पकड़ाया आरोपी
स्पेशल टीम ने इंटेलीजेंस व टेक्निकल रिसर्च के आधार पर लगातार इंदौर में रहकर पीछा करते हुए स्थाई वारंटी रविंद्र सिंह खंडूजा को गिरफ्तार कर लिया। जहां आरोपी अपना नाम करण बताकर किराए के मकान में रहकर ऑटो रिपेयर की दुकान चला रहा था। पुलिस से बचने के लिए आरोपी हर 6 महीने में अपना मकान बदल लेता था। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाधिकारी लक्ष्मी चंद वर्मा, एएसआई चौथमल, हेड कांस्टेबल रणजीत, भरत एवं देवीलाल शामिल थे। इनमें कॉन्स्टेबल भरत की अहम भूमिका रही है।
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