पत्थर के नीचे महिला के दबे थे दोनों हाथ, लोगों ने देसी जुगाड़ से किया रेस्क्यू

दीपावली पर कच्चे घरों को लीपने-पोतने के लिए गरीब परिवार खदानों से मिट्टी लेकर आते हैं। हर साल मिट्टी धंसकने के हादसों में कइयों की जान चली जाती है। सोमवार को भी मध्य प्रदेश और राजस्थान में दो ऐसे ही मामले देखने को मिले। एक में मिट्टी धंसकने से 4 बच्चों की मौत हो गई। वहीं, राजस्थान में एक महिला चट्टान के नीचे दब गई। हालांकि उसे निकाल लिया गया। वो बुरी तरह घायल है।

करौली/भोपाल. दीपावली पर कच्चे घरों की दीवारें-आंगन लीपने-पोतने के लिए गरीब परिवार खदानों से मिट्टी लेने जाते हैं। हर साल मिट्टी धंसकने से कइयों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। सोमवार को भी ऐसे ही दो हादसे हुए। मप्र में हुए हादसे में 4 बच्चों का जान गंवानी पड़ी। वहीं, राजस्थान में एक महिला बुरी तरह घायल हो गई। पहले पढ़ें राजस्थान का मामला...

चट्टान के नीचे दोनों हाथ दब गए...
यह घटना राजस्थान के करौली जिले के करणपुर थाना क्षेत्र की कसेड ग्राम पंचायत के अरोरा गांव में हुई।लख्खो देवी मीना (42) दो अन्य महिलाओं के साथ सोमवार सुबह करीब 9 बजे पहाड़ी के नीचे मिट्टी लेने गई थी। मिट्टी खोदते ही चट्टान लुढ़ककर उसके दोनों हाथों पर आकर गिर पड़ी। दर्द के मारे महिला चीखने लगी। मदद के लिए गांव वाले पहुंचे। करणपुर थानाधिकारी कैलाश चंद बैरवा भी मदद को आए। लेकिन वहां न क्रेन थी और न जेसीबी मशीन। आखिरकार गांववालों ने देसी तरीके से चट्टान को हटाकर घायल लख्खो देवी को अस्पताल पहुंचाया। गांववालों ने चट्टान को हटाने लोहे की चेन और सब्बल का सहारा लिया।

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मिट्टी में दबके रह गए मासूम
खदान धंसकने का मामला भोपाल जिले के सूखी सेवनिया क्षेत्र के ग्राम बरखेड़ी में हुआ था। दीपावली के लिए कच्चे घरों की मरम्मत के लिए बच्चे मिट्टी खोदने गए थे, तभी यह हादसा हो गया। बच्चों को खदान से निकालकर एंबुलेंस से हमीदिया पहुंचाया गया। लेकिन चारों बच्चो ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। गांव के 7 बच्चे मिट्टी खोदने गए थे। इन सभी की उम्र 5 से 12 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इनमें तीन लड़कियां और तीन लड़के शामिल हैं। 


मुख्य बिंदु
-खदान के बाहर खड़ी 6 साल की बच्ची घबराकर घर भागी और उसने परिजनों को इस बारे में बताया
-परिजनों ने लोगों की मदद से सभी बच्चों को मिट्टी से बाहर निकाला और भोपाल के हमीदिया अस्पताल लेकर गए
-लेकिन 4 बच्चों ने रास्ते में दम तोड़ दिया, जबकि 2 की हालत गंभीर है
-हादसे के बाद भोपाल कलेक्टर ने मिट्टी खोदने पर रोक लगा दी है
-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृत बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की है
-हादसा सोमवार सुबह 9 बजे के करीब हुआ
-मरने वाले बच्चों में  मनोज पुत्र बन्ने (7) , आशा पुत्री कैलाश (7), शीला पुत्री प्रभुराम (9) और कविता पुत्री श्यामलाल (10) शामिल हैं। 
-रोहित और विक्रम नामक बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं
 

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