राजस्थान के जालोर में एक गाय माता की खातिरदारी मेहमानों की तरह होती है। जहां वह एक करोड़ के बंगले में रहती है तो उसकी सुरक्षा में सीसीटीवी कैमरे तक लगे हैं। इतना ही नहीं फैमिली इस गाय को खाना खिलाने के बाद ही भोजन करती है। क्योंकि गाय
परिवार के लिए इस तरह वरदान साबित हुई कि वह देखते ही देखते करोड़पति बन गया।
जालोर (राजस्थान). गौमाता के लिए दान, पुण्य और अन्य परोपकार की खबरे आपने भी पढ़ी होंगी। लेकिन ये खबर इन सबसे अलग है। राजस्थान के जालोर शहर में रहने वाले एक व्यापारी को गौमाता का साथ इतना भाया कि उसने मोटर वाहन कंपनी ही खोल दी। गौमाता के आने के बाद किस्मत ने ऐसी करवट मारी कि उन्होनें गौमाता के नाम से ही अपने प्रोडक्ट उतारने शुरु कर दिए और अब उनके पास फुर्सत नहीं है, एडवांस ऑर्डर चल रहे हैं और दिन रात काम चल रहा है। सुनने मे यह सब फिल्मों से लगे लेकिन ऐसा सब कुछ हो रहा है जालोर शहर में....। इन कारोबारी का नाम है नरेन्द्र कुमार पुरोहित...।
गाय के आशीर्वाद से परिवार की चमकी किस्मत
नरेन्द्र कुमार बचपन से ही गायें पालने के बारे में सोचते थे, लेकिन परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि गायों का खर्च उठाया जाए। फिर वे जालोर शहर में स्थित पथमेड़ा गौशाला से जुड़ गए। बड़े होने लगे... वहीं गायों की देखभाल करने लगे। गायों के प्रति ऐसा जूनून छाने लगाया कि गायों से जुड़ी वस्तुओं जैसे डाक डिकिट, करेंसीं, अन्य तरह के चिन्ह जमा करने लगे। फिर कस्ट्रक्शन लाइन में अपने किसी परिचित के साथ कदम रखा और सीधे मुंबई में ठेकेदार हो गए। इस काम के साथ ही बिजली से चलने वाले दुपहिया वाहनो का उत्पादन भी करने लगे। लेकिन काम सही तरह से नहीं जमा। पथमेड़ा गौशाला के प्रबंधकों से जुड़े रहे, गौमाता को घर लाने की इच्छा रही। कुछ महीनों पहले इस इच्छा को पूरा कर ही लिया।
सिर्फ देसी घी लड्डू खाती है ये गाय माता
नरेन्द्र ने जालोर में एक करोड़ रुपए का बंगला बनवाया और इसमें गौमाता को लाया गया। गौमाता को राधा नाम दिया गया। देखभाल ऐसी कि सेठों की भी इतनी खातिरदारी ना हो। सीसी कैमरे, सुरक्षा में चार आदमी, खाना पीना बनाने के लिए चार आदमी रखे गए। सिर्फ देसी घी में खाना खाने वाली गौमाता राधा पुरोहित परिवार के लिए लक्ष्मी का रुप बनकर आई। जो दुपहिया वाहन कंपनी मझधार में चल रही थी उसकी काया ही पलट गईं। नरेन्द्र को लगा कि गौमाता के आगमन से ये सब हुआ तो परिवार ने इस कंपनी का नाम और इसमें बनने वाली दुपहिया का नाम ही गौमाता के नाम पर सुरभि रख दिया। चार से पांच महीने हुए हैं। कंपनी में प्रोडेक्शन तेजी पर है। एक्स्ट्रा ऑर्डर चल रहे हैं ।
गाय को खिलाने के बाद ही भोजन करता है परिवार
परिवार में नरेन्द्र के अलावा पत्नी विमला पुरोहित, बेटियां सपना और निकिता और दो बेटे परेश और अभिजीत हैं। गौमाता राधा और उसकी बछिया की चाकरी में सभी हाजिर रहते हैं। हर दिन गौमाता की पूजा भगवान के साथ की जाती है। उसके बाद ही परिवार के लोगों का दिन शुरु होता है। इतना ही नहीं गाय को खिलाने के बाद ही परिवार भोजन करता है।
गाय 10 लीटर देती दूध, लेकिन परिवार 3 ही करता इस्तेमाल
दस लीटर दूध देने वाली गौमाता राधा का करीब तीन लीटर दूध काम में लिया जाता है, बाकि सात लीटर दूध बछिया के लिए छोड़ दिया जाता है। पुरोहित परिवार अब और ज्यादा मजबूती से पथमेडा धर्मशाला से जुड गया है। वहां करीब पचास से ज्यादा गायों के लालन पालन के लिए हर महीने का खर्च पुरोहित परिवार से ज्यादा है। इतना ही नहीं यह गाय माता कारोबारी के एक करोड़ के घर में रहती है।